Himachal News: हिमाचल प्रदेश में स्वच्छ भारत मिशन के तहत बड़ा अभियान शुरू हुआ है। प्रदेश के आठ हजार छह सौ पैंसठ गांवों में स्वच्छता के स्तर की जांच की जाएगी। इस अभियान का उद्देश्य मॉडल गांवों के दावों की वास्तविकता सत्यापित करना है। ग्रामीण विकास विभाग ने विशेष निरीक्षण टीमें गठित की हैं।
यह निरीक्षण ओडीएफ प्लस मानकों के तहत किया जा रहा है। जिला स्तर पर सत्यापन का कार्य शुरू हो चुका है। टीमें अलग-अलग ब्लॉकों में जाकर गांवों का दौरा कर रही हैं। इससे पंचायतों द्वारा किए गए दावों की सच्चाई सामने आएगी।
जिलेवार गांवों की संख्या
हिमाचल के सभी जिलों में स्वच्छता जांच अभियान चलाया जा रहा है। कांगड़ा जिले में दो हजार तीन सौ उन्नीस गांव शामिल हैं। सोलन जिले में एक हजार नौ सौ उन्नीस गांवों की जांच होगी। हमीरपुर जिले में चौदह सौ बहत्तर गांव शामिल किए गए हैं।
शिमला जिले में ग्यारह सौ उन्नासी गांवों का निरीक्षण किया जाएगा। सिरमौर जिले में छह सौ पचहत्तर गांव शामिल हैं। ऊना जिले में चार सौ आठ गांवों की जांच की जाएगी। अन्य जिलों में भी व्यापक स्तर पर निरीक्षण कार्य चल रहा है।
निरीक्षण प्रक्रिया
विशेष निरीक्षण टीमों में शिक्षा विभाग के कर्मचारी शामिल हैं। ब्लॉक विकास अधिकारी और अन्य कर्मचारी भी टीमों में सम्मिलित हैं। टीमें गांवों में जाकर शौचालयों की स्थिति की जांच करेंगी। ठोस कचरा प्रबंधन की सुविधाओं का मूल्यांकन किया जाएगा।
स्वच्छता के अन्य मानकों का भी सत्यापन होगा। खुले में शौच मुक्त होने के दावों की पुष्टि की जाएगी। निरीक्षण के बाद विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी। यह रिपोर्ट विभाग को सौंपी जाएगी।
पिछला रिकॉर्ड
इससे पहले भी स्वच्छता सत्यापन अभियान चलाया गया था। पिछले अभियान में केवल तीन हजार तीन सौ सत्तानबे गांवों की जांच हो पाई थी। निर्धारित समय सीमा में सभी गांवों का निरीक्षण नहीं हो सका। अब शेष गांवों के सत्यापन का कार्य शुरू हुआ है।
पहले चरण में जांचे गए गांवों का दोबारा सत्यापन होगा। इससे स्वच्छता स्तर में सुधार की वास्तविक स्थिति पता चल सकेगी। विभाग ने इस बार व्यापक तैयारी की है। सभी गांवों के निरीक्षण का लक्ष्य रखा गया है।
निरीक्षण मानक
निरीक्षण टीमें कई मानकों पर गांवों का मूल्यांकन करेंगी। शौचालयों की कार्यात्मक स्थिति की जांच प्राथमिकता होगी। ठोस कचरा प्रबंधन व्यवस्था का आकलन किया जाएगा। गीले और सूखे कचरे के अलगाव पर ध्यान दिया जाएगा।
कचरा निपटान की उचित व्यवस्था का सत्यापन होगा। गांवों में साफ-सफाई और स्वच्छता के स्तर का मूल्यांकन किया जाएगा। जल निकासी और सफाई व्यवस्था की जांच की जाएगी। स्वच्छता संबंधी जागरूकता का भी आकलन किया जाएगा।
अधिकारियों का बयान
स्वच्छ भारत मिशन के अतिरिक्त निदेशक हितेंद्र शर्मा ने जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मॉडल बताए गए गांवों की वास्तविकता की जांच की जा रही है। विशेष टीमें निरीक्षण कार्य कर रही हैं। इस अभियान से गांवों की वास्तविक स्थिति सामने आएगी।
उन्होंने कहा कि पंचायतों द्वारा किए गए दावों की सत्यता स्थापित हो सकेगी। स्वच्छता मानकों के अनुपालन का सही आकलन संभव होगा। इस अभियान से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता बढ़ाने में मदद मिलेगी। सरकार की योजनाओं का सही क्रियान्वयन सुनिश्चित होगा।
