Himachal News: हिमाचल प्रदेश के दुर्गम कांगड़ा जिले के बड़ा भंगाल क्षेत्र से एक बुजुर्ग मरीज को एयरलिफ्ट किया गया। अस्सी वर्षीय कर्म चंद को वायुसेना के हेलीकाप्टर से सुरक्षित निकालकर टांडा अस्पताल पहुंचाया गया। वह लंबे समय से गंभीर रूप से बीमार थे।
कर्म चंद को सांस लेने और पेशाब करने में गंभीर समस्या हो रही थी। घाटी में स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में उनकी हालत लगातार बिगड़ रही थी। स्थानीय लोगों ने बैजनाथ प्रशासन से संपर्क कर मदद मांगी थी। प्रशासन ने तुरंत वायुसेना की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया।
78 किलोमीटर का पैदल मार्ग
बड़ा भंगाल घाटी तक पहुंचने के लिए बैजनाथ से 78 किलोमीटर पैदल रास्ता तय करना पड़ता है। इसके अलावा 30 किलोमीटर का चरवाहा मार्ग भी उपलब्ध है। यह मार्ग अत्यंत जोखिम भरा और दुर्गम है। हाल में हिमपात के कारण यह रास्ता पूरी तरह बंद हो गया था।
इस कारण ग्रामीण बुजुर्ग मरीज को पैदल बैजनाथ नहीं पहुंचा पा रहे थे। घाटी में लगभग 350 लोग निवास करते हैं। यह क्षेत्र बुनियादी सुविधाओं के अभाव से जूझ रहा है। स्वास्थ्य सेवाएं यहां practically न के बराबर हैं।
हेलीकाप्टर रेस्क्यू ऑपरेशन
बुधवार सुबह मौसम साफ होने पर वायुसेना का हेलीकाप्टर बड़ा भंगाल पहुंचा। घाटी में बने हेलीपैड पर हेलीकाप्टर ने सफलतापूर्वक लैंडिंग की। कर्म चंद को हेलीकाप्टर में सुरक्षित बिठाया गया। उन्हें गगल स्थित कांगड़ा हवाई अड्डे तक पहुंचाया गया।
हवाई अड्डे पर पहले से तैनात एंबुलेंस ने मरीज को टांडा अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में उन्हें तुरंत भर्ती कर लिया गया। चिकित्सकों ने तत्काल उपचार शुरू कर दिया। मरीज की स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
प्रशासन की सक्रियता
एसडीएम बैजनाथ संकल्प गौतम ने बताया कि बड़ा भंगाल के निवासियों को सुविधाएं प्रदान करने के लिए प्रशासन लगातार काम कर रहा है। गंभीर रूप से बीमार मरीज को एयरलिफ्ट करने की व्यवस्था की गई। उन्होंने कहा कि सरकार दुर्गम क्षेत्रों के लोगों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है।
इस ऑपरेशन में वायुसेना और स्थानीय प्रशासन के बीच बेहतर समन्वय देखने को मिला। मौसम की अनुकूल conditions का पूरा लाभ उठाया गया। समय रहते मरीज को उन्नत चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा सकी। यह ऑपरेशन सफल रहा।
दुर्गम क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं
बड़ा भंगाल जैसे दुर्गम क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर कमी है। आपातकालीन स्थितियों में मरीजों को निकालना बड़ी चुनौती बन जाता है। हेलीकाप्टर सेवा ही एकमात्र विश्वसनीय विकल्प रह जाता है। सर्दियों में हिमपात के कारण स्थिति और जटिल हो जाती है।
प्रशासन ने घाटी में हेलीपैड का निर्माण करवाया है। इससे आपात स्थितियों में रेस्क्यू ऑपरेशन संभव हो पाता है। स्थानीय निवासियों ने इस सुविधा की सराहना की है। उन्होंने और बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की मांग की है।
