Himachal News: हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय (HPU) में बीएड प्रवेश प्रक्रिया अब समाप्त हो गई है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कुल 5031 सीटें भरने में सफलता हासिल की है। इसके बावजूद हिमाचल प्रदेश के निजी और सरकारी कॉलेजों में 1000 से ज्यादा सीटें खाली रह गई हैं। कई राउंड की काउंसलिंग के बाद भी सीटें नहीं भर पाई हैं। प्रशासन ने खाली सीटों के आंकड़ों पर चिंता जाहिर की है।
हिमाचल प्रदेश में खाली सीटों का गणित
बीएड की प्रवेश प्रक्रिया के आखिरी चरण में कुछ हलचल देखने को मिली। 15 दिसंबर को 64 सीटें भरी गईं। इसमें मैनेजमेंट कोटे की 27 सीटें शामिल थीं। इसके बाद 16 दिसंबर को 7 और सीटें भरी गईं। इतनी कोशिशों के बाद भी हिमाचल प्रदेश कोटे की 840 सीटें खाली पड़ी हैं। इसके अलावा मैनेजमेंट कोटे की 179 सीटों पर भी कोई उम्मीदवार नहीं आया है। कुल मिलाकर 1000 से अधिक सीटें अब भी रिक्त हैं।
कॉलेजों के सामने खड़ा हुआ संकट
विश्वविद्यालय ने खाली सीटों के लिए 15 दिसंबर तक ऑनलाइन आवेदन मांगे थे। इसके बाद भी अपेक्षित सफलता नहीं मिली है। खाली सीटों की बड़ी संख्या ने कॉलेजों की चिंता बढ़ा दी है। कुछ कॉलेज अब कोर्स में बदलाव करने पर विचार कर रहे हैं। यदि अगले सत्र में भी हिमाचल प्रदेश में यही स्थिति रही तो कुछ कोर्स बंद भी हो सकते हैं। अधिकारियों ने छात्रों से बचे हुए मौकों का लाभ उठाने की अपील की है।
अगस्त से चल रही थी प्रक्रिया
हिमाचल प्रदेश में बीएड दाखिले की दौड़ अगस्त महीने से शुरू हुई थी। यह प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से चली। विश्वविद्यालय ने छात्रों को ज्यादा से ज्यादा मौके दिए। न्यूनतम अंकों में छूट दी गई। बिना एंट्रेंस टेस्ट वाले छात्रों को भी आवेदन का मौका मिला। विश्वविद्यालय ने अब अंतिम परिणाम सभी कॉलेजों को भेज दिए हैं। प्रशासन चाहता है कि हिमाचल प्रदेश के सभी कॉलेजों में नया सत्र समय पर शुरू हो सके।
