Himachal News: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में संजौली विवाद के बाद अब नेरवा में माहौल गरमा गया है। यहाँ सरकारी जमीन पर तीन मस्जिदों का अवैध निर्माण किया गया है। हिंदू रक्षा मंच ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह सनसनीखेज दावा किया है। तहसीलदार ने आरटीआई के जवाब में माना है कि ये मस्जिदें सरकारी भूमि पर बनी हैं। इस खुलासे के बाद पूरे हिमाचल प्रदेश में प्रशासनिक हलकों में हड़कंप मच गया है।
आरटीआई में हुआ बड़ा खुलासा
हिंदू रक्षा मंच के अध्यक्ष कमल गौतम ने शिमला में पत्रकारों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि नेरवा के तहसीलदार ने आरटीआई के तहत मांगी गई जानकारी में सच स्वीकार किया है। सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक, नेरवा क्षेत्र के मुल्शाक, जनोग और भाबिया में मस्जिदें बनी हैं। अधिकारियों ने माना है कि इनमें दो रहमान मस्जिद और एक बिलाल मस्जिद पूरी तरह सरकारी जमीन पर हैं। कमल गौतम ने इसे एक सोची-समझी साजिश बताया है।
प्रशासन को दी चेतावनी
मंच ने जिला प्रशासन से इन अवैध निर्माणों पर तुरंत कार्रवाई की मांग की है। कमल गौतम ने कहा कि वे जल्द ही इस मुद्दे पर प्रशासन को ज्ञापन सौंपेंगे। इससे पहले सितंबर 2024 में भी नेरवा के स्थानीय लोगों ने अवैध निर्माण के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन किया था। उनका आरोप है कि हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में सरकारी जमीन कब्जाकर धार्मिक स्थल बनाए जा रहे हैं। मंच ने चेतावनी दी है कि यदि कार्रवाई नहीं हुई, तो वे दोबारा सड़कों पर उतरेंगे।
धारा 118 और विपक्ष पर सवाल
हिंदू रक्षा मंच ने हिमाचल प्रदेश में धारा 118 में संशोधन की कोशिशों का भी कड़ा विरोध किया है। कमल गौतम ने कहा कि प्रदेश के हिंदुओं के हितों से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं होगा। उन्होंने विपक्ष पर भी निशाना साधा और कहा कि विधानसभा में इस मुद्दे का सही विरोध नहीं किया गया। मंच का आरोप है कि सरकार के कुछ मंत्री भी इस खेल में शामिल हैं। उन्होंने कांगड़ा में 500 कनाल जमीन बेचने की तैयारी का भी जिक्र किया। मंच ने इस बाबत राज्यपाल को भी ज्ञापन भेजा है।
