Shimla News: Himachal Pradesh में शिक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार ने कड़े कदम उठाए हैं। पिछले तीन सालों में राज्य के 19 कॉलेज बंद कर दिए गए हैं। इसके साथ ही 1372 स्कूलों को या तो मर्ज किया गया है या उनका दर्जा घटाया गया है। यह जानकारी सरकार ने विधानसभा में एक लिखित जवाब में दी है।
पूर्व सरकार के फैसलों पर चली कैंची
विधायक सुधीर शर्मा ने सदन में इस बाबत सवाल पूछा था। सरकार ने बताया कि 10 मार्च 2023 की अधिसूचना के तहत यह कार्रवाई हुई। बंद किए गए कॉलेज और संस्कृत कॉलेज पूर्व सरकार ने अपने कार्यकाल के आखिरी छह महीनों में खोले थे। ये संस्थान ठीक से चल नहीं पा रहे थे। इस कारण वहां स्वीकृत 376 शिक्षक और गैर-शिक्षक पद भी समाप्त कर दिए गए हैं।
रिड़कमार कॉलेज फिर से बहाल
सरकार ने जनहित को देखते हुए रिड़कमार कॉलेज को दोबारा खोल दिया है। यहां 11 पद फिर से बहाल कर दिए गए हैं। सरकार ने स्पष्ट किया कि बंद किए गए 7 कॉलेजों में से 2 में नामांकन शून्य था। वहीं 5 कॉलेज क्रियाशील नहीं थे। इन कॉलेजों के 108 पदों को समाप्त नहीं किया गया है, बल्कि उन्हें सरप्लस पूल में भेज दिया गया है।
छात्रों की कमी से स्कूल हुए मर्ज
आंकड़ों के अनुसार, 1051 प्राइमरी और 251 मिडिल स्कूल बंद या मर्ज किए गए हैं। इसके अलावा 4 हाई स्कूल भी इसी सूची में शामिल हैं। वहीं 31 हाई स्कूल और 35 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों का दर्जा घटा दिया गया है। Himachal Pradesh सरकार ने यह फैसला छात्रों की बेहद कम संख्या को देखते हुए लिया। इन स्कूलों में छात्र संख्या शून्य या पांच से कम थी। हालांकि, स्कूलों में कोई भी पद समाप्त नहीं किया गया है। यहां तैनात स्टाफ को अन्य स्कूलों में खाली पदों पर समायोजित किया गया है।
