Himachal News: हिमाचल प्रदेश में लोगों की सेहत से जुड़ी बड़ी लापरवाही सामने आई है। राज्य में 168 दवाओं के सैंपल क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल ने विधानसभा में यह जानकारी साझा की। सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए 40 मामलों में कानूनी कार्रवाई शुरू की है। वहीं, 52 मामलों में दवा अधिनियम के तहत प्रशासनिक एक्शन लिया गया है।
जांच रिपोर्ट में क्या मिला?
दवा कंपनियों ने 11 मामलों में लैब की रिपोर्ट को चुनौती दी थी। दोबारा जांच करने पर 2 सैंपल सही पाए गए हैं। कोलकाता की केंद्रीय लैब से 9 रिपोर्ट का इंतजार है। मंत्री ने बताया कि बद्दी में अब राज्य स्तरीय लैब तैयार है। यहाँ हर साल 6000 दवाओं की जांच होगी। हिमाचल प्रदेश में कुल 651 दवा निर्माण इकाइयां काम कर रही हैं।
रेलवे जमीन का मुआवजा जारी
सदन में भानुपल्ली-बिलासपुर-बैरी रेलवे लाइन का मुद्दा भी गूंजा। उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने बताया कि जमीन अधिग्रहण के लिए 200 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। यह पैसा बिलासपुर के भू-अर्जन अधिकारी को मिल चुका है। सरकार ने यह राशि दो अलग-अलग किस्तों में जारी की है।
स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार
नेशनल हेल्थ मिशन के तहत जिलों को 26 नई एंबुलेंस मिली हैं। लाहौल-स्पीति में भी 108 एंबुलेंस सेवा को मजबूत किया गया है। चम्याणा अस्पताल में अब रोबोटिक सर्जरी की सुविधा मिल रही है। यहाँ सिटी स्कैन और डिजिटल एक्स-रे मशीनें भी लगा दी गई हैं। हालांकि, एमआरआई टेस्ट के लिए मरीजों को अभी आईजीएमसी जाना पड़ता है।
रॉयल्टी जमा करने के नियम
उद्योग मंत्री ने खनन रॉयल्टी के नियमों को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि ठेकेदार सीधे सरकारी खजाने में पैसा जमा नहीं कर सकते। वैध ठेकेदारों को ऑनलाइन सिस्टम से ही एडवांस रॉयल्टी देनी होती है। इसे अब डब्ल्यू-एक्स फॉर्म के जरिए भरा जाता है।
