Shimla News: हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के करीब 1200 कर्मचारियों को अगस्त माह का वेतन अभी तक नहीं मिला है। इस देरी से कर्मचारियों के सामने गहरा आर्थिक संकट पैदा हो गया है। कर्मचारी संघ ने इस मुद्दे पर आपातकालीन बैठक की और राज्य सरकार से तुरंत हस्तक्षेप की मांग की है।
निगम के कर्मचारी बताते हैं कि वेतन न मिलने से उनका घर चलाना मुश्किल हो गया है। वे अपने बच्चों की स्कूल फीस, घर का किराया और परिवार के भोजन जैसे बुनियादी खर्चों को पूरा करने में असमर्थ हैं। कई कर्मचारियों को एजुकेशन लोन की किश्तें और दवाइयों का खर्च भी उठाना पड़ रहा है।
हाल ही में प्रदेश में आई प्राकृतिक आपदा को इस संकट का मुख्य कारण बताया जा रहा है। इस आपदा के कारण पर्यटन गति विधियां पूरी तरह ठप पड़ गई हैं। इससे निगम की अपनी आय बुरी तरह प्रभावित हुई है और वह कर्मचारियों को वेतन दे पाने की स्थिति में नहीं है।
निगम का मुख्यालय धर्मशाला शिफ्ट होने से भी कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ी हैं। इस स्थानांतरण के बाद से कई कर्मचारियों को अतिरिक्त आवागमन का खर्च और आर्थिक बोझ उठाना पड़ रहा है। इस वजह से उनकी वित्तीय परेशानियां और भी गहरा गई हैं।
पर्यटन निगम कर्मचारी संघ ने राज्य सरकार से तुरंत मदद की गुहार लगाई है। संघ के प्रमुखों ने लगभग 50 करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज की मांग की है। इस पैकेज का उद्देश्य अगस्त के वेतन और अन्य देय राशियों का भुगतान शीघ्र सुनिश्चित करना है।
संघ के नेताओं ने चेतावनी दी है कि स्थिति दिन-ब-दिन और विकट होती जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का त्वरित हस्तक्षेप ही इस गंभीर समस्या का एकमात्र समाधान है। कर्मचारियों ने आशा जताई कि सरकार जल्द ही उनकी समस्या की ओर ध्यान देगी।
