Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के पांच प्रमुख शक्तिपीठों में सोमवार से शुरू हो रहे अश्विन नवरात्र मेले के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। चिंतपूर्णी, ज्वालाजी, नयनादेवी, बज्रेश्वरी देवी और चामुंडा देवी मंदिरों में पुलिस का पुख्ता पहरा रहेगा। करीब 1100 पुलिस और होमगार्ड जवान तैनात किए गए हैं।
मेले की अवधि 22 सितंबर से पहली अक्तूबर तक है। पुलिस टीमें सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन के माध्यम से लगातार निगाह रखेंगी। मंदिर परिसरों को फूलों और रोशनी से सजाया गया है। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं।
चिंतपूर्णी मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था
चिंतपूर्णी मंदिर में 350 पुलिस और होमगार्ड जवानों की तैनाती की गई है। एएसपी ऊना संजीव भाटिया ने बताया कि मेला क्षेत्र को सात सेक्टरों में बांटा गया है। हर सेक्टर में अलग-अलग टीमें निगरानी करेंगी। सुरक्षा के सभी आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया जा रहा है।
नयनादेवी और ज्वालाजी में तैनाती
नयनादेवी मंदिर में 450 जवान तैनात किए गए हैं। एसपी बिलासपुर संदीप धवल ने बताया कि मेला क्षेत्र को नौ सेक्टरों में बांटा गया है। डीएसपी नयनादेवी विक्रांत को पुलिस मेला अधिकारी नियुक्त किया गया है। ज्वालाजी मंदिर में 100 जवानों की तैनाती की गई है।
विशेष निर्देश और प्रतिबंध
माल वाहक वाहनों में सवारियां लाने पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। ढोल-नगाड़े, चिमटा और लाउड स्पीकर बजाने की अनुमति नहीं होगी। प्लास्टिक और थर्मोकोल के इस्तेमाल पर भी पाबंदी रहेगी। इन नियमों का सख्ती से पालन कराया जाएगा।
डीआईजी सौम्या सांबशिवन ने बताया कि सुरक्षा के पूरे प्रबंध किए गए हैं। कमांडो और क्यूआरटी की टीमें भी तैनात की गई हैं। आईआरबीएन के जवान भी सुरक्षा में लगे हैं। हर संभव प्रयास किया जा रहा है कि श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के दर्शन कर सकें।
बज्रेश्वरी देवी और चामुंडा देवी मंदिरों में 200 जवान तैनात किए गए हैं। इन मंदिरों में भी सीसीटीवी और ड्रोन से निगरानी की जाएगी। पुलिस की विशेष टीमें लगातार गश्त करेंगी। स्थानीय प्रशासन ने हर तरह की तैयारी पूरी कर ली है।
