Mandi News: हिमाचल प्रदेश में 108 और 102 एम्बुलेंस सेवाओं के कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर हड़ताल का ऐलान किया है। यह हड़ताल 2 अक्टूबर की शाम 8 बजे शुरू होकर 3 अक्टूबर की शाम 8 बजे तक चलेगी। इस दौरान मंडी शहर में एक बड़ी विरोध रैली निकाली जाएगी। कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें न्यूनतम वेतन तक नहीं दिया जा रहा है और ओवरटाइम का भुगतान नहीं किया जाता।
कर्मचारियों की यूनियन ने उपायुक्त मंडी और पुलिस अधीक्षक मंडी को हड़ताल की सूचना दे दी है। यूनियन के नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। इस कदम से प्रदेश भर में एम्बुलेंस सेवाएं प्रभावित होने की आशंका है।
मंडी जिले में कुल 31 लोकेशन्स पर एम्बुलेंस सुविधा उपलब्ध है। इन केंद्रों पर 163 कर्मचारी तैनात हैं। इनमें 71 पायलट और 80 इमरजेंसी मेडिसिन तकनीशियन शामिल हैं। ये सभी कर्मचारी मुख्य नियोक्ता राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत काम करने वाली मेडस्वेन फाउंडेशन के अधीन कार्यरत हैं।
कर्मचारियों का कहना है कि उनसे बारह घंटे की ड्यूटी करवाई जाती है। लेकिन अतिरिक्त काम के लिए उन्हें कोई ओवरटाइम वेतन नहीं दिया जाता। उन्हें सरकार द्वारा तय न्यूनतम वेतन से भी कम भुगतान किया जा रहा है। यूनियन का मानना है कि यह शोषण की स्थिति है।
मंडी में होगा जोरदार प्रदर्शन
तीन अक्टूबर को मंडी जिला मुख्यालय पर एक बड़ा प्रदर्शन होगा। कर्मचारी जिले के मुख्यालय में विरोध रैली निकालेंगे। यूनियन के जिला प्रधान सुमित कुमार और जिला सचिव जितेंद्र कुमार ने इसकी पुष्टि की है। इस दिन मंडी जिले में प्रदेशव्यापी हड़ताल का भी असर रहेगा।
यूनियन नेता गेपेंद्र कुमार और सुरेश सरवाल ने बताया कि यह हड़ताल पूरे प्रदेश में होगी। प्रदेश भर में सैकड़ों कर्मचारी इस आंदोलन में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने अब तक उनकी मांगों की ओर कोई गंभीरता नहीं दिखाई है।
मांगों को न मानने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी
यूनियन नेताओं ने स्पष्ट किया कि 24 घंटे की इस हड़ताल के बाद भी यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो अगला कदम अनिश्चितकालीन हड़ताल का होगा। उनका डिमांड चार्टर वेतन संबंधी मुद्दों और काम की परिस्थितियों में सुधार से जुड़ा है। कर्मचारी लंबे समय से अपनी समस्याओं को लेकर आवाज उठा रहे हैं।
इस एम्बुलेंस हड़ताल का असर राज्य की आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ सकता है। 108 और 102 एम्बुलेंस सेवाएं ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आपातकालीन चिकित्सा सहायता पहुंचाने का महत्वपूर्ण जरिया हैं। ऐसे में इनके बंद होने से आम जनता को परेशानी हो सकती है।
कर्मचारियों ने प्रशासन से अपनी मांगों पर तुरंत ध्यान देने का अनुरोध किया है। उनका कहना है कि वे किसी भी तरह की परेशानी नहीं चाहते हैं। लेकिन लंबे समय से चले आ रहे शोषण के खिलाफ उनके पास हड़ताल के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। अब प्रशासन की कार्रवाई पर सबकी नजर टिकी है।
