Shimla News: हिमाचल प्रदेश की राजनीति में एक नया विवाद शुरू हो गया है। भाजपा के राज्यसभा सांसद हर्ष महाजन ने दून के कांग्रेस विधायक राम कुमार चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महाजन ने दावा किया कि चौधरी सीबीआई की कार्रवाई के डर से भाजपा में शामिल होना चाहते थे। यह बयान बुधवार को बद्दी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन कार्यक्रम में दिया गया। महाजन ने चौधरी और उनके परिवार पर भ्रष्टाचार और अवैध खनन के आरोप भी लगाए।
हर्ष महाजन ने कहा कि जब हिमाचल में भाजपा सरकार थी, तब राम कुमार चौधरी उनके पास भाजपा में शामिल होने की गुहार लेकर आए थे। चौधरी ने कहा था कि उन पर सीबीआई की रेड पड़ने वाली है, इसलिए उन्हें पार्टी में शामिल कर लिया जाए। महाजन ने दावा किया कि उन्होंने चौधरी के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। उन्होंने चौधरी परिवार को ‘माइनिंग माफिया’ और ‘लूट-कसूट का धंधा’ चलाने का आरोप लगाया।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं और आरोप-प्रत्यारोप
राम कुमार चौधरी ने इन आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि हर्ष महाजन के दावे पूरी तरह झूठे हैं। चौधरी ने कहा कि वह कांग्रेस के साथ मजबूती से खड़े हैं और भाजपा में शामिल होने की कोई इच्छा नहीं रखते। उन्होंने महाजन पर सीएम बनने के सपने देखने का आरोप लगाया। चौधरी ने कहा कि उनका परिवार 55 साल से व्यापार कर रहा है और किसी को डरा-धमकाकर पैसे लेने की आदत नहीं है।
दूसरी ओर, हर्ष महाजन ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र से टैक्स वसूलने के बावजूद मुख्यमंत्री क्षेत्र के विकास में पूरी तरह नाकाम रहे हैं। महाजन ने सवाल उठाया कि टैक्स तो लेते हैं लेकिन सड़कें टूटी पड़ी हैं और फैक्टरियां लूट की भेंट चढ़ रही हैं।
हर्ष महाजन का राजनीतिक सफर
हर्ष महाजन खुद पहले कांग्रेस पार्टी के सदस्य थे। उन्होंने 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा ज्वाइन की थी। महाजन पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के करीबी माने जाते थे। भाजपा में शामिल होने के बाद उन्हें राज्यसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया गया था। क्रॉस वोटिंग की वजह से वह चुनाव जीत गए थे।
महाजन के इस बयान से भाजपा पार्टी के भीतर भी असंतोष की खबरें हैं। पार्टी के कुछ पुराने नेता महाजन की बयानबाजी से खुश नहीं हैं। उनका मानना है कि महाजन को इस तरह के बयान देने का अधिकार नहीं है। हालांकि, महाजन की भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह से नजदीकी बताई जाती है।
राम कुमार चौधरी का राजनीतिक करियर
राम कुमार चौधरी हिमाचल प्रदेश के दून विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के विधायक हैं। वह 2012 में पहली बार विधायक चुने गए थे और 2022 में दूसरी बार जीत हासिल की। चौधरी को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार में मुख्य संसदीय सचिव बनाया गया था। उनके पिता लज्जा राम भी पूर्व में मुख्य संसदीय सचिव रह चुके हैं ।
चौधरी कृषि, व्यापार, उद्योग, रियल एस्टेट और परिवहन के क्षेत्र में सक्रिय हैं। राजनीतिक गलियारों में उन्हें मुख्यमंत्री सुक्खू का करीबी माना जाता है। चौधरी के खिलाफ अवैध खनन के आरोप भी लगते रहे हैं। अगस्त में बद्दी की एसपी इल्मा अफरोज ने चौधरी की पत्नी की गाड़ियों का चालान काटा था जो अवैध खनन में शामिल थीं।
राजनीतिक विश्लेषण और भविष्य की संभावनाएं
यह विवाद हिमाचल प्रदेश की राजनीति में नई उथल-पुथल पैदा कर सकता है। भाजपा और कांग्रेस के बीच तनाव बढ़ने की संभावना है। हर्ष महाजन ने पहले भी दावा किया था कि वह कांग्रेस सरकार को कभी भी गिरा सकते हैं। उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के कई विधायक उनके संपर्क में हैं।
राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की घटना ने पहले ही कांग्रेस सरकार को झटका दिया था। अब यह नया विवाद सरकार के लिए और चुनौतियां पैदा कर सकता है। विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री से इस मामले में स्पष्टीकरण की मांग की है। आने वाले दिनों में इस मामले ने और तूल पकड़ने की संभावना है।
