Himachal News: दिवाली से दो दिन पहले विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से सचिवालय में मुलाकात की। यह मुलाकात करीब एक घंटे से अधिक समय तक चली। राजनीतिक हलकों में इस चर्चा के कई मायने निकाले जा रहे हैं। यह बैठक आने वाले दिनों में होने वाले संगठनात्मक बदलावों को लेकर महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
विधानसभा अध्यक्ष हाल ही में विदेश दौरे से लौटे हैं। उनकी मुख्यमंत्री के साथ लंबी बैठक ने राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज कर दी है। आने वाले दिनों में कांग्रेस अध्यक्ष पद की नियुक्ति और मंत्रिमंडल विस्तार पर महत्वपूर्ण फैसले होने हैं। प्रदेश मंत्रिमंडल में currently एक पद रिक्त पड़ा हुआ है।
मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना
हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार दिसंबर में तीन साल का कार्यकाल पूरा कर लेगी। इसके बाद सरकार के पास दो साल का कार्यकाल शेष रहेगा। ऐसे में सरकार मंत्रिमंडल विस्तार पर फैसला कर सकती है। अभी मंत्रिमंडल में एक पद खाली है जिस पर नियुक्ति की जा सकती है।
चर्चाओं के अनुसार शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष बन सकते हैं। यदि ऐसा होता है तो उन्हें मंत्री पद छोड़ना होगा। इस स्थिति में दो नए विधायकों को मंत्री पद मिल सकता है। मंत्रिमंडल में बदलाव की संभावनाओं पर विचार चल रहा है।
कांग्रेस संगठन के गठन का इंतजार
हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी नवंबर 2024 से बर्खास्त है। पिछले एक वर्ष से कांग्रेस संगठन के गठन का इंतजार जारी है। अभी केवल प्रदेश अध्यक्ष पद पर प्रतिभा सिंह कार्यरत हैं। उनका कार्यकाल भी समाप्त हो चुका है।
पंचायत चुनाव से पहले कांग्रेस संगठन के पूर्ण गठन की मांग उठ रही है। पार्टी के भीतर संगठनात्मक सुधारों पर जोर दिया जा रहा है। विधायकों का एक वर्ग मजबूत संगठन की आवश्यकता पर बल दे रहा है। आगामी चुनावों को देखते हुए संगठन को मजबूत करना जरूरी है।
राजनीतिक महत्व की मुलाकात
विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के बीच हुई यह मुलाकात राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मानी जा रही है। दोनों नेताओं ने आने वाले राजनीतिक समीकरणों पर विस्तार से चर्चा की। पार्टी संगठन और सरकार के बीच समन्वय बनाए रखने पर भी बात हुई।
वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं का मानना है कि जल्द ही महत्वपूर्ण फैसले आ सकते हैं। मंत्रिमंडल विस्तार और पार्टी संगठन के गठन पर त्वरित निर्णय की आवश्यकता है। सरकार के दो साल के शेष कार्यकाल में प्रदेश के विकास को गति देना प्रमुख लक्ष्य है। इन सभी मुद्दों पर विचार-विमर्श जारी है।
