Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में सड़क हादसे रोकने के लिए लगातार कार्य किया जा रहा है। बड़े हादसों में काफी हद तक कमी आई है। अभी भी पहाड़ी क्षेत्रों में क्रैश बैरियर न होने से 22 प्रतिशत लोगों की मौत हो जाती है।
हादसों में जान गंवाने वालों में 52 प्रतिशत लोग 21 से 40 वर्ष के होते हैं। यह बात प्रदेश पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने झलेड़ा पुलिस लाइन में संवाददाता सम्मेलन के दौरान कही। डीजीपी ने कहा कि शाम के समय लोगों को घर जाने की जल्दी होती है। उस समय हादसों का खतरा अधिक रहता है। हादसों में जान गंवाने वालों में ज्यादा संख्या 21 से 40 वर्ष के बीच उम्र वालों की होती है।
बताया कि एक जनवरी से 19 मई 2022 के दौरान 910 सड़क दुर्घटनाओं की तुलना में इस वर्ष एक जनवरी से 19 मई के दौरान 850 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं। कहा कि क्रैश बैरियर न होने से पहाड़ी क्षेत्रों में वाहन गहरी खाई में गिर जाते हैं। ऊना जैसे मैदानी क्षेत्रों में सड़क पार करने की उचित व्यवस्था न होने से हादसों में 19 प्रतिशत लोगों की मौत हो जाती है। 25 प्रतिशत लोगों की मौत सिर में चोट लगने से होती है।
ईडी को जांच के लिए 30 सौंपे केस
डीजीपी ने बताया कि प्रदेश पुलिस ने ईडी को 30 केस जांच के लिए सौंपे हैं। इसके साथ 200 करोड़ से अधिक की संपत्ति अटैच की गई है। प्रदेश में बीते पांच माह में अवैध खनन करने वालों के 2156 चालान कर 1.54 करोड़ जुर्माना वसूला गया। खनन के 563 मामले कोर्ट में पेश किए। 101 वाहन जब्त किए गए। ऊना में उपरोक्त अवधि में अवैध खनन के 272 चालान कर 22.56 लाख जुर्माना वसूला गया। 16 मामले कोर्ट में भेजने के साथ 12 वाहन जब्त किए गए।
चार माह में पकड़े 881 एनडीपीएस के मामले
मादक पदार्थों की तस्करी की रोकथाम के लिए पुलिस ने दिसंबर 2022 तक 1517 मामले पकड़े। इनमें 2216 व्यक्ति हिरासत में लिए गए। 84 मामले ऊना से संबंधित हैं। 125 लोगों को हिरासत में लिया गया। इस वर्ष अप्रैल 2023 तक 881 मामले पकड़े गए। इनमें 1195 व्यक्ति गिरफ्तार किए हैं। इनमें 1194 भारतीय और एक विदेशी नागरिक शामिल है। प्रदेश की जेलों में 2400 कैदियों की क्षमता के स्थान पर 3000 से अधिक कैदी बंद है। इनमें 40 प्रतिशत से अधिक कैदी केवल मादक पदार्थों की तस्करी से जुड़े मामलों से संबंधित हैं। पुलिस ने बीते दो वर्षों में महिलाओं और बच्चों से संबंधित 4000 मामले में रिकवरी की है।