Himachal News: हिमाचल प्रदेश में 6,297 नर्सरी शिक्षक पदों के लिए शुरू हुई भर्ती प्रक्रिया अचानक रुक गई है। हिमाचल एनटीटी भर्ती में अनियमितताओं की शिकायतों के बाद राज्य इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ने स्कूल शिक्षा निदेशालय से स्पष्टीकरण मांगा है। 20,000 से अधिक अभ्यर्थियों ने साक्षात्कार दिए, लेकिन कुछ डिप्लोमा में खामियां सामने आईं। शिक्षा विभाग को अब एनसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थानों की सूची साझा करनी होगी। यह देरी अभ्यर्थियों के लिए निराशाजनक है।
भर्ती एजेंसी ने मांगी एनसीटीई मान्यता सूची
राज्य इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन, जो इस भर्ती की जिम्मेदारी संभाल रहा है, ने एनसीटीई से मान्यता प्राप्त संस्थानों की सूची मांगी है। साक्षात्कार के दौरान कई अभ्यर्थियों के डिप्लोमा पर सवाल उठे। कुछ डिप्लोमा संदिग्ध पाए गए, जिसके बाद कॉरपोरेशन ने शिक्षा विभाग से आधिकारिक रिकॉर्ड की मांग की। यह कदम भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए उठाया गया है। अभ्यर्थियों को अब दस्तावेजों की जांच पूरी होने का इंतजार करना होगा।
चार साल से लटकी भर्ती, नया विवाद
हिमाचल एनटीटी भर्ती लगभग चार साल से अटकी हुई थी। हाल ही में सरकार ने इसे शुरू किया, लेकिन अब नया विवाद सामने आया है। 14 कंपनियों को भर्ती प्रक्रिया का जिम्मा सौंपा गया है। इन कंपनियों को अभ्यर्थियों के दस्तावेजों की गहन जांच करनी है। शिक्षा विभाग का कहना है कि दस्तावेजों की पुष्टि के बाद ही अंतिम परिणाम घोषित किए जाएंगे। यह प्रक्रिया अभ्यर्थियों के धैर्य की परीक्षा ले रही है।
शिक्षा विभाग का जवाब, जल्द भर्ती का लक्ष्य
स्कूल शिक्षा निदेशालय के निदेशक आशीष कोहली ने कहा कि कॉरपोरेशन की मांग के अनुसार सभी जरूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी। विभाग का लक्ष्य जल्द से जल्द हिमाचल एनटीटी भर्ती को पूरा करना है। उनका कहना है कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए शिक्षकों की नियुक्ति जरूरी है। अभ्यर्थियों को सलाह दी गई है कि वे आधिकारिक वेबसाइट पर अपडेट्स देखते रहें। प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने पर जोर दिया जा रहा है।
अभ्यर्थियों में बेचैनी, भविष्य अनिश्चित
20,000 से अधिक अभ्यर्थी इस भर्ती प्रक्रिया का हिस्सा बने। कई ने साक्षात्कार दिए, लेकिन अब देरी ने उनकी उम्मीदों पर असर डाला है। कुछ अभ्यर्थियों का कहना है कि बार-बार रुकावटों से उनका भरोसा टूट रहा है। हिमाचल एनटीटी भर्ती में पारदर्शिता और तेजी की मांग बढ़ रही है। शिक्षा विभाग और कॉरपोरेशन दोनों पर जल्द कार्रवाई का दबाव है। अभ्यर्थी बेसब्री से अंतिम परिणाम का इंतजार कर रहे हैं।
