चंबा। HPBOSE 12th Result Topper, हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड की ओर से घोषित 12वीं के परीक्षा परिणाम में आकांक्षी जिला चंबा की तीन बेटियां ने टाप टेन में जगह पाई है। इनमें एंजल व आरती शर्मा ने कला संकाय में, जबकि प्राची नागपाल ने वाणिज्य विषय में बाजी मारी है।
राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक छात्रा विद्यालय चंबा में की एंजल ने आट्र्स में 98 प्रतिशत अंक हासिल कर प्रदेशभर में दूसरा स्थान हासिल किया है। एंजल चंबा के ही खूरूड़ा माोहल्ला की रहने वाली है। एंजल ने पहली से दसवीं तक की पढ़ाई डीएवी चंबा से की है। 12वीं की पढ़ाई गल्र्स स्कूल चंबा से की है। एंजल के पिता वकील हैं, जबकि माता गृहिणी हैं।

एकाग्र मन से पढ़ाई है टापर बनने की वजह
एंजल का कहना है कि पढ़ाई के साथ वह घर के कामों में भी माता का हाथ बंटाती थी, लेकिन जब पढ़ाई करने बैठती थी, तो यहां-वहां ध्यान भटकाने की बजाए एकाग्र मन से पढ़ाई करती थी। पढ़ाई के साथ एंजल संगीत सुनने का भी शौक रखती हैं। एंजल प्रशासनिक अधिकारी बन समाज की सेवा करना चाहती हैं, उसके लिए उन्होंने अभी से ही तैयारियां शुरू कर दी हैं। उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय शिक्षकों के साथ अभिभावकों को दिया हैं। स्कूल प्रधानाचार्य राजेश कश्यप ने मिठाई खिला कर छात्रा शिक्षकों व अभिभावकों को बधाई देने के साथ भविष्य में भी इसी तरह के प्रदर्शन की कामना की है।
प्राची का स्मार्ट स्टडी को महत्व
वाणिज्य विषय में प्रदेशभर में छठे पायदान पर रही प्राची नागपाल चंबा के चरपट मौहल्ला की रहने वाली हैं। प्राची नागपाल ने भारतीय पब्लिक स्कूल चंबा से ही 12वीं तक की शिक्षा ग्रहण की है। प्राची के पिता गुरमीत नागपाल दुकान चलाते हैं, जबकि माता गृहिणी हैं। प्राची ने बताया कि उन्होंने हर रोज चार से पांच घंटे पढ़ाई को दिए हैं। प्राची स्मार्ट स्टडी को ज्यादा महत्व देती हैं। उन्होंने बताया कि जब भी पढ़ाई को समय दिया पूरी लग्न के साथ पढ़ाई की। परीक्षा को भी बोझ न समझ कर खुले दिमाग से परीक्षाएं दी। प्राची बैंङ्क्षकग क्षेत्र में जाना चाहती हैं, साथ ही प्रशासनिक परीक्षाओं की भी तैयारी कर रही हैं। प्राची के पिता गुरमीत नागपाल व माता सुमन ने बेटी की इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर करते हुए उन्हें बधाई देने के साथ उज्ज्वल भविष्य की कामना की है। वहीं, डीएवी स्कूल के चेयरमैन डीपी मल्होत्रा ने सुनहरे भविष्य की कामना की है।
खेतीबाड़ी, घर के काम भी नहीं बने आरती की राह में रोड़ा सुबह उठते ही चूल्हा चौका, पशुओं की सेवा, जमीन का काम अलग से। घर के कामों से जरा भी फुर्सत नहीं। सभी तरह के कार्य करने के बाद भी समय पढ़ाई को निकालना। फिर जल्द स्कूल के लिए तैयार होना। ग्रामीण क्षेत्रों में पगडंडियों से होकर गुजरने वाली कठिन डगर को पार कर स्कूल पहुंचा। यह सब कितना कठिन है। जी हां ! इन कठिन परिस्थितियों के बीच भी दुर्गम व ठेठ ग्रामीण क्षेत्र उपमंडल चुराह के हिमगिरी के तहत आने वाले सिधोट गांव से संबंध रखने वाली आरती शर्मा ने 12वीं की परीक्षा में टाप टेन में जगह बनाकर प्रदेशभर में चंबा व पिछड़े क्षेत्र चुराह का नाम रोशन किया है। आरती ने सरकारी स्कूल से ही 12वीं तक की पढ़ाई की है। दसवीं परीक्षा में भी मेरिट में जगह पाई थी। आरती के पिता लेख राज जेबीटी शिक्षक हैं, जबकि माता गृहिणी हैं। आरती का कहना है कि ग्रामीण परिवेश में खेतीबाड़ी, पशुओं सहित घर के कार्य भी काफी होते हैं। ऐसे में कई बार पढ़ाई के लिए समय निकाल पाना मुश्किल हो जाता है, लेकिन व्यस्तता के बीच भी पढ़ाई के लिए समय निकाला ओर रात 12 बजे तक पढ़ाई की है। वह प्रशासनिक अधिकारी बन समाज की सेवा करना चाहती हैं, जिसके लिए वह अभी से ही मेहनत कर रही हैं। उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय शिक्षकों के अलावा अभिभावकों को दिया है।

रोज सुबह उठते ही चूल्हा चौका, पशुओं की सेवा, जमीन का काम अलग से। घर के कामों से जरा भी फुर्सत नहीं। सभी तरह के कार्य करने के बाद भी समय पढ़ाई को निकालना। फिर जल्द स्कूल के लिए तैयार होना। ग्रामीण क्षेत्रों में पगडंडियों से होकर गुजरने वाली कठिन डगर को पार कर स्कूल पहुंचा। यह सब कितना कठिन है। जी हां ! इन कठिन परिस्थितियों के बीच भी दुर्गम व ठेठ ग्रामीण क्षेत्र उपमंडल चुराह के हिमगिरी के तहत आने वाले सिधोट गांव से संबंध रखने वाली आरती शर्मा ने 12वीं की परीक्षा में टाप टेन में जगह बनाकर प्रदेशभर में चंबा व पिछड़े क्षेत्र चुराह का नाम रोशन किया है। आरती ने सरकारी स्कूल से ही 12वीं तक की पढ़ाई की है। दसवीं परीक्षा में भी मेरिट में जगह पाई थी। आरती के पिता लेख राज जेबीटी शिक्षक हैं, जबकि माता गृहिणी हैं। आरती का कहना है कि ग्रामीण परिवेश में खेतीबाड़ी, पशुओं सहित घर के कार्य भी काफी होते हैं। ऐसे में कई बार पढ़ाई के लिए समय निकाल पाना मुश्किल हो जाता है, लेकिन व्यस्तता के बीच भी पढ़ाई के लिए समय निकाला ओर रात 12 बजे तक पढ़ाई की है। वह प्रशासनिक अधिकारी बन समाज की सेवा करना चाहती हैं, जिसके लिए वह अभी से ही मेहनत कर रही हैं। उन्होंने अपनी इस सफलता का श्रेय शिक्षकों के अलावा अभिभावकों को दिया है।