Himachal News: हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में प्रशासन ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। शिलाई विधानसभा क्षेत्र की एक पंचायत प्रधान को पद से हटा दिया गया है। उपायुक्त प्रियंका वर्मा ने जरवा-जुनैली पंचायत की प्रधान आशा देवी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। प्रधान पर अपने कर्तव्यों में लापरवाही और गबन के आरोप साबित हुए हैं। प्रशासन के इस सख्त फैसले से पंचायत प्रतिनिधियों में हड़कंप मच गया है।
13 लाख रुपये जमा करने के आदेश
उपायुक्त ने प्रधान को गबन की गई राशि लौटाने का भी आदेश दिया है। आशा देवी को 12,99,607 रुपये तुरंत पंचायत निधि खाते में जमा करवाने होंगे। जांच में पाया गया कि इस सरकारी पैसे का दुरुपयोग किया गया था। इसके अलावा प्रधान को पंचायत का सारा रिकॉर्ड भी वापस करना होगा। उन्हें अपनी मोहर, नकद राशि और स्टॉक का सामान तुरंत पंचायत सचिव को सौंपना होगा।
6 साल तक चुनाव लड़ने पर रोक
प्रशासन ने प्रधान पर भविष्य के लिए भी कड़ी पाबंदी लगा दी है। आशा देवी को अगले छह साल के लिए चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित किया गया है। इसका मतलब है कि वे हिमाचल प्रदेश में अगले छह वर्षों तक पंचायत का कोई भी चुनाव नहीं लड़ सकेंगी। यह कार्रवाई पंचायती राज अधिनियम के तहत कर्तव्यों के निर्वहन में दोषी पाए जाने पर की गई है।
