Kangra News: शिमला के आईजीएमसी कांड के बाद अब कांगड़ा में बवाल हो गया है। टांडा मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों पर बड़ी लापरवाही का आरोप लगा है। Himachal News में यह मामला अब तूल पकड़ रहा है। इलाज में देरी के चलते एक मरीज की जान चली गई। परिजनों का आरोप है कि इमरजेंसी में कोई सीनियर डॉक्टर मौजूद नहीं था। मरीज को पीजीआई रेफर किया गया, लेकिन रास्ते में ही उसने दम तोड़ दिया।
सीनियर डॉक्टर नदारद, ट्रेनी के भरोसे मरीज
मंडी के जोगिंद्र नगर निवासी विनोद कुमार को रविवार को ब्रेन स्ट्रोक आया था। उन्हें बैजनाथ अस्पताल से टांडा रेफर किया गया। परिजनों के मुताबिक, जब वे टांडा पहुंचे तो वहां न्यूरो सर्जन नहीं मिला। ट्रेनी डॉक्टर मरीज को देख रहे थे और उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था। Himachal News के अनुसार, समय बीतता गया और मरीज की हालत बिगड़ती गई। शाम को डॉक्टरों ने उसे पीजीआई रेफर कर दिया, लेकिन हमीरपुर पहुंचते-पहुंचते मरीज की मौत हो गई।
इमरजेंसी वार्ड का वीडियो वायरल
इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में परिजन सीनियर डॉक्टर को बुलाने के लिए चिल्ला रहे हैं। मरीज सीने में तेज दर्द की शिकायत कर रहा था। वहां मौजूद तीमारदारों ने आरोप लगाया कि काफी देर तक कोई जिम्मेदार डॉक्टर नहीं आया। इस हंगामे ने अस्पताल प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
प्रिंसिपल ने दी यह सफाई
टांडा मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल मिलाप शर्मा ने लापरवाही के आरोपों को खारिज किया है। उन्होंने कहा कि मरीज की हालत बैजनाथ से ही बहुत नाजुक थी। उन्होंने दावा किया कि प्रशिक्षु नहीं, बल्कि दो स्पेशलिस्ट डॉक्टरों ने मरीज की जांच की थी। मरीज का सीटी स्कैन बाहर हुआ था और रिपोर्ट न्यूरो सर्जन को भेजी गई थी। प्रिंसिपल के मुताबिक, मरीज का दिल दो बार अस्पताल में भी रुका था।
