Himachal News: हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले के सैंज क्षेत्र में अनुसूचित जाति की महिला के साथ हुए दुराचार और मर्डर केस ने तूल पकड़ लिया है। प्रदेश राज्य अनुसूचित जाति आयोग ने इस मामले में पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। आयोग के अध्यक्ष कुलदीप कुमार धीमान ने मंगलवार को सैंज में मामले की विशेष सुनवाई की। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि पुलिस जांच में लीपापोती के संकेत मिले हैं और साक्ष्य जुटाने में भी भारी कोताही बरती गई है। आयोग ने इस पूरी घटना को समाज के लिए शर्मनाक बताया है।
पुलिस जांच संदेह के घेरे में, तत्कालीन एसएचओ सस्पेंड
आयोग की जांच में यह चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है कि स्थानीय पुलिस ने मामले को दबाने की कोशिश की। कुलदीप धीमान ने बताया कि प्रारंभिक जांच पूरी तरह संदेह के घेरे में है। इस मामले में लापरवाही बरतने पर संबंधित थाने के तत्कालीन एसएचओ को पहले ही सस्पेंड कर दिया गया है। आयोग अब तत्कालीन एसपी (SP) और डीएसपी (DSP) के विरुद्ध भी विभागीय जांच की सिफारिश करने जा रहा है। आयोग का कहना है कि तथ्यों के साथ छेड़छाड़ किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
पीड़ित परिवार को न्याय का भरोसा
सुनवाई के दौरान आयोग के सदस्यों ने पीड़ित परिवार से बंद कमरे में विस्तार से बातचीत की। अध्यक्ष ने परिवार को आश्वस्त किया कि दोषी चाहे कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, उसे कड़ी सजा मिलेगी। उन्होंने कहा कि आयोग का गठन ही शोषित वर्गों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए हुआ है। पुलिस द्वारा केस डायरी तैयार करने और साक्ष्य एकत्र करने में जो भी गलतियां हुई हैं, उन्हें उजागर कर दोषियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार गंभीर
अध्यक्ष कुलदीप धीमान ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इस संवेदनशील मामले पर खुद नजर बनाए हुए हैं। प्रदेश सरकार समाज में व्याप्त जातिगत कुरीतियों को समाप्त करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। Kullu News के अनुसार, सैंज क्षेत्र में हुई इस घटना से स्थानीय लोगों में गहरा आक्रोश है। सरकार और आयोग मिलकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि भविष्य में किसी भी पिछड़े वर्ग की महिला के साथ ऐसी हैवानियत न हो और न्याय प्रक्रिया पारदर्शी बनी रहे।
