शुक्रवार, दिसम्बर 19, 2025

हिमाचल न्यूज: संजौली मस्जिद 1915 से है वैध, मुस्लिम संगठन ने पेश किए 110 साल पुराने सबूत

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Shimla News: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में संजौली मस्जिद विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन ने मस्जिद को लेकर बड़ा दावा किया है। संगठन का कहना है कि राजस्व रिकॉर्ड में यह जमीन 1915 से मस्जिद के नाम पर दर्ज है। बालूगंज में एक प्रेसवार्ता के दौरान संगठन ने पुराने दस्तावेज पेश किए। उन्होंने कहा कि यह मस्जिद अवैध नहीं है। मामला फिलहाल हाई कोर्ट में विचाराधीन है और अगली सुनवाई मार्च में होगी।

राजस्व रिकॉर्ड में ‘गैर मुमकिन मस्जिद’ का जिक्र

ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष नजाकत हाशमी ने सोमवार को मीडिया से बात की। उन्होंने कहा कि कुछ लोग मस्जिद के बारे में गलत तथ्य फैला रहे हैं। हाशमी ने 1915 के राजस्व रिकॉर्ड का हवाला दिया। उनके अनुसार, खसरा नंबर 107 में यह जगह ‘गैर मुमकिन मस्जिद’ के रूप में दर्ज है। इसके अलावा, 1997-98 के रिकॉर्ड में भी जमीन का मालिकाना हक सरकार का है, लेकिन उपयोग में मस्जिद दर्ज है। संगठन का कहना है कि यह सबूत साबित करते हैं कि मस्जिद का निर्माण अवैध नहीं है।

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निगम में दोबारा आवेदन करेगा संगठन

नजाकत हाशमी ने बताया कि मस्जिद कमेटी ने 2013 में नक्शा पास करने के लिए आवेदन दिया था। उस समय नगर निगम ने कोई आपत्ति नहीं जताई थी। कमेटी ने नमाजियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए मंजिलें बढ़ाने की मांग की थी। संगठन ने माना कि ऊपर की मंजिलें बिना अनुमति बनी थीं। कोर्ट के आदेश पर उन्हें हटा दिया गया है। अब संगठन निचली मंजिलों का नक्शा पास कराने के लिए नगर निगम आयुक्त को दोबारा आवेदन देगा।

संजौली मस्जिद विवाद: कब क्या हुआ?

संजौली मस्जिद का विवाद काफी पुराना है। यहाँ इस मामले की पूरी टाइमलाइन दी गई है:

  • 2013 से लंबित मामला: मस्जिद कमेटी ने 2013 में नक्शा पास करने के लिए आवेदन दिया था। यह मामला 14 साल तक निगम आयुक्त की अदालत में चलता रहा।
  • सितंबर 2024 में बढ़ा तनाव: मल्याणा में एक मारपीट की घटना के बाद मस्जिद का मुद्दा गरमाया। मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने विधानसभा में इसे अवैध बताया। इसके बाद हिंदू संगठनों ने बड़े प्रदर्शन किए।
  • अवैध निर्माण गिराने के आदेश: 5 अक्टूबर 2024 को निगम कोर्ट ने ऊपरी 3 मंजिलें गिराने का आदेश दिया। बाद में 3 मई 2025 को पूरी मस्जिद को अवैध घोषित किया गया।
  • जिला कोर्ट और हाई कोर्ट का दखल: मामला जिला अदालत और फिर हाई कोर्ट पहुंचा। 3 दिसंबर 2025 को हाई कोर्ट ने ऊपरी 3 मंजिलें गिराने का आदेश बरकरार रखा। कोर्ट ने निचली 2 मंजिलों पर स्टे (यथास्थिति) लगा दिया है।
  • वर्तमान स्थिति: 8 दिसंबर 2025 को मुस्लिम संगठन ने पुराने रिकॉर्ड का हवाला देकर लड़ाई लड़ने का ऐलान किया है। संगठन कोर्ट के हर आदेश का पालन करने की बात कह रहा है।
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Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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