Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में राजभवन का नाम बदलकर लोकभवन कर दिया गया है। राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ल की औपचारिक मंजूरी के बाद मंगलवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई। अब सभी आधिकारिक कार्यों में राजभवन की जगह लोकभवन नाम का ही प्रयोग होगा।
इस निर्णय के बाद सरकार के सभी विभागों ने रिकॉर्ड अपडेट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अब आधिकारिक पत्राचार, दस्तावेज, वेबसाइट और अन्य सभी रिकॉर्ड में नए नाम का इस्तेमाल किया जाएगा। भवन पर लगे नामपट्ट और अन्य प्रतीकों में भी बदलाव किया जा रहा है।
केंद्र सरकार के निर्देश का पालन
केंद्र सरकार ने पहले ही सभी राज्यों को राजभवन का नाम बदलने का निर्देश दिया था। इसी क्रम में हिमाचल प्रदेश ने यह कदम उठाया है। केंद्र का यह फैसला लोकतांत्रिक व्यवस्था में जनता के प्रतीकों को स्थापित करने के उद्देश्य से लिया गया था।
राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ल ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की। राजभवन प्रशासन ने तुरंत आवश्यक कार्यवाही शुरू कर दी। नाम परिवर्तन की यह प्रक्रिया कागजी कार्रवाई से आगे बढ़कर भौतिक बदलाव तक पहुंच गई है।
आधिकारिक दस्तावेजों में बदलाव
सरकारी विभाग अब अपने सभी रिकॉर्ड में नए नाम को शामिल कर रहे हैं। इसका मतलब है कि भविष्य में जारी होने वाले सभी आदेश और अधिसूचनाएं लोकभवन के नाम से ही प्रकाशित होंगे। पुराने दस्तावेजों में भी आवश्यकतानुसार संशोधन किया जाएगा।
भवन की आधिकारिक वेबसाइट के यूआरएल और सामग्री को भी अपडेट किया जा रहा है। सोशल मीडिया हैंडल और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी नए नाम को प्रदर्शित किया जाएगा। यह काम शीघ्र पूरा कर लिया जाएगा।
भौतिक संकेतकों का नवीनीकरण
राजभवन परिसर में लगे सभी पुराने नामपट्ट और सूचना बोर्ड बदले जाएंगे। इनकी जगह नए नाम ‘लोकभवन’ वाले बोर्ड लगाए जाएंगे। यह कार्य प्रशासनिक विभाग की देखरेख में किया जा रहा है।
आने-जाने वाले आधिकारिक वाहनों पर भी नए नाम का प्रयोग किया जाएगा। कर्मचारियों के आईडी कार्ड और अन्य प्रमाणपत्रों में भी यह बदलाव दिखेगा। यह एक व्यापक नाम परिवर्तन अभियान है।
राज्यपाल की स्वीकृति का महत्व
राज्यपाल शिवप्रताप शुक्ल ने इस प्रस्ताव पर त्वरित कार्रवाई की। उनकी मंजूरी के बिना यह नाम परिवर्तन संभव नहीं था। राज्यपाल ने केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन करते हुए अपनी सहमति दी।
राजभवन प्रशासन ने तुरंत अधिसूचना जारी कर दी। इससे विभिन्न विभागों को आगे की कार्रवाई करने में आसानी हुई। सरकारी मशीनरी ने इस प्रक्रिया को तेजी से अंजाम दिया।
नाम परिवर्तन की राष्ट्रव्यापी पहल
केंद्र सरकार ने यह फैसला सभी राज्यों के लिए किया था। इसका उद्देश्य शासन की लोकतांत्रिक भावना को बढ़ावा देना है। ‘लोकभवन’ नाम जनता के प्रति समर्पण की भावना को दर्शाता है।
कई अन्य राज्य पहले ही यह बदलाव कर चुके हैं। हिमाचल प्रदेश ने भी अब इस शृंखला में अपना नाम जोड़ लिया है। यह राष्ट्रव्यापी पहल का एक हिस्सा है।
भविष्य की आधिकारिक प्रक्रियाएं
अब से सभी आधिकारिक कामकाज लोकभवन के नाम से ही संचालित होंगे। राज्यपाल से जुड़े सभी कार्यक्रम और आयोजन नए नाम के तहत ही प्रचारित किए जाएंगे। मीडिया विज्ञप्तियों में भी यही नाम प्रयोग होगा।
आम जनता के लिए जारी की जाने वाली सूचनाओं में भी लोकभवन का उल्लेख होगा। यह बदलाव दूरगामी प्रभाव वाला है। इससे शासन की छवि और जनता के बीच का रिश्ता मजबूत होगा।
प्रशासनिक स्तर पर यह एक तकनीकी बदलाव है। पर इसके पीछे लोकतंत्र के प्रतीकों को सशक्त करने की भावना काम कर रही है। हिमाचल प्रदेश ने इस दिशा में त्वरित कार्यवाही की है।
