Shimla News: हिमाचल प्रदेश के पेंशनर्स एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री द्वारा वार्ता का वादा पूरा न करने से नाराज ‘पेंशनर्स संयुक्त संघर्ष समिति’ ने वीरवार को शिमला में एक अहम बैठक बुलाई है। रोटरी क्लब हॉल में होने वाली इस बैठक में समिति अपनी अगली रणनीति तय करेगी। Himachal Pradesh News में यह मुद्दा गरमाया हुआ है क्योंकि हजारों पेंशनर्स अपने हकों का इंतजार कर रहे हैं।
CM के वादे के बाद भी नहीं मिला बुलावा
समिति के नेताओं ने बताया कि 28 नवंबर को धर्मशाला में एक बड़ी रैली हुई थी। इसमें 10 हजार से ज्यादा पेंशनर्स ने हिस्सा लिया था। उस समय मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि विधानसभा सत्र के बाद एक हफ्ते में उन्हें बातचीत के लिए बुलाया जाएगा। लेकिन अब तक सचिवालय से कोई न्योता नहीं आया है। नेताओं का आरोप है कि सरकार कुछ खास लोगों के साथ मिलकर असली पेंशनर्स के खिलाफ साजिश रच रही है।
इन मांगों को लेकर बढ़ा आक्रोश
सरकार 11 दिसंबर को अपने तीन साल पूरे करने जा रही है, लेकिन पेंशनर्स के हाथ अब भी खाली हैं। 1 जनवरी 2016 से 31 जनवरी 2022 के बीच रिटायर हुए कर्मचारी सबसे ज्यादा परेशान हैं। उनकी मुख्य मांगें इस प्रकार हैं:
- संशोधित कम्यूटेशन का भुगतान।
- लीव इन कैशमेंट और ग्रेच्युटी की राशि।
- 13 प्रतिशत महंगाई भत्ता (DA)।
- पिछले दो वर्षों से लटके हुए मेडिकल बिलों का भुगतान।
आर-पार की लड़ाई के मूड में संगठन
प्रदेशाध्यक्ष सुरेश ठाकुर ने साफ कर दिया है कि सरकार के दोहरे रवैये को स्वीकार नहीं किया जाएगा। वीरवार को होने वाली बैठक में महासचिव इंद्र पाल शर्मा और अन्य पदाधिकारी शामिल होंगे। अगर सरकार ने जल्द उनकी सुध नहीं ली, तो संघर्ष और तेज किया जाएगा। समिति का कहना है कि सरकार उन्हें गुमराह करना बंद करे और हक दे।
