Himachal News: हिमाचल प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव होने वाला है। अब सीबीएसई से जुड़े सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के लिए शिक्षकों को परीक्षा पास करनी होगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए यह सख्त फैसला लिया है। सरकार के इस निर्णय से करीब 5 हजार शिक्षकों के तबादले की संभावना बन गई है।
फरवरी में आयोजित हो सकती है परीक्षा
राज्य सरकार ने 100 सरकारी स्कूलों को सीबीएसई बोर्ड से जोड़ने का निर्णय लिया है। शिक्षा विभाग के मुताबिक, अब तक 83 स्कूल सीबीएसई से एफिलेट हो चुके हैं। बाकी स्कूलों को भी इस महीने के अंत तक जोड़ दिया जाएगा। इन स्कूलों में पढ़ाने के लिए हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड एक विशेष परीक्षा आयोजित करेगा। सूत्रों के अनुसार, यह परीक्षा फरवरी माह में हो सकती है।
ट्रांसफर के लिए तैयार रहें शिक्षक
सरकार इन स्कूलों के लिए शिक्षकों का एक अलग सब-कैडर बनाएगी। प्रिंसिपल, टीचर और नॉन-टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति इसी टेस्ट के आधार पर होगी। जो शिक्षक यह परीक्षा पास नहीं कर पाएंगे, उनका ट्रांसफर कर दिया जाएगा। उन्हें मौजूदा कैडर या सब-कैडर चुनने का विकल्प भी मिलेगा। चयन में शिक्षकों की शैक्षणिक योग्यता के साथ-साथ को-करिकुलर एक्टिविटीज को भी देखा जाएगा।
शहरी क्षेत्रों के शिक्षकों पर पड़ेगा असर
इस फैसले का सबसे ज्यादा असर शहरी इलाकों में जमे शिक्षकों पर पड़ सकता है। कई शिक्षक अपनी राजनीतिक और प्रशासनिक पहुंच के कारण सालों से एक ही जगह पर डटे हैं। अगर वे परीक्षा पास नहीं करते हैं, तो उन्हें अपनी पसंदीदा जगह छोड़नी होगी। सरकार का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में छात्रों को सीबीएसई स्तर की आधुनिक शिक्षा देना है। कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव पर अंतिम मुहर लगनी बाकी है।
