Solan News: हिमाचल प्रदेश के सोलन स्थित डॉ. वाई.एस. परमार यूनिवर्सिटी (नौणी) से एक बड़ी खबर सामने आई है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. संजीव कुमार सन्याल को तत्काल प्रभाव से नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। यह मामला पूरे Himachal News में चर्चा का विषय बना हुआ है। डॉ. सन्याल धौलाकुआं स्थित रिसर्च सेंटर में तैनात थे। उन पर प्रोबेशन के दौरान अनुशासनहीनता और उच्च अधिकारियों के आदेश न मानने के गंभीर आरोप थे। वीसी ने बर्खास्तगी के लिखित आदेश जारी कर दिए हैं।
बोर्ड की बैठक में लिया गया सख्त फैसला
यूनिवर्सिटी के बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की 121वीं बैठक में यह कड़ा निर्णय लिया गया। प्रशासन के मुताबिक, डॉ. सन्याल का काम और आचरण संतोषजनक नहीं था। उन पर झूठे आरोप लगाने और अनुशासन तोड़ने के दोष सिद्ध हुए हैं। इससे विश्वविद्यालय के शैक्षणिक माहौल पर बुरा असर पड़ रहा था। इसी वजह से प्रशासन ने उनकी सेवाएं समाप्त करने का फैसला किया। इससे पहले उन्हें सस्पेंड भी किया गया था।
हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी जांच में नहीं आए
डॉ. सन्याल 13 फरवरी 2025 से निलंबित चल रहे थे। उन्होंने अपने निलंबन के खिलाफ हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में तीन बार याचिका दायर की। प्रशासन का कहना है कि कोर्ट के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद वे विभागीय जांच में शामिल नहीं हुए। इसे अधिकारियों ने उनका अड़ियल और बाधा डालने वाला रवैया माना। जांच में उनके खिलाफ जारी दोनों चार्जशीट के आरोप सही पाए गए।
नियमों के तहत हुई कार्रवाई
डॉ. सन्याल की नियुक्ति 2021 में कॉन्ट्रैक्ट पर हुई थी। जून 2024 में उन्हें रेगुलर किया गया और दो साल के प्रोबेशन पर रखा गया। नियमों के मुताबिक, प्रोबेशन के दौरान काम ठीक न होने पर बिना नोटिस सेवा समाप्त की जा सकती है। हालांकि, यूनिवर्सिटी उन्हें एक महीने का वेतन देगी। वीसी डॉ. राजेश्वर सिंह चंदेल ने पुष्टि की है कि अनुशासन बनाए रखने के लिए यह कार्रवाई जरूरी थी।
