Himachal News: शिमला जिले के ठियोग में पानी की सप्लाई में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। विजिलेंस ने इस मामले में चालान पेश करने की तैयारी कर ली है। जांच एजेंसी ने विभाग से इसकी प्रशासनिक मंजूरी मांगी है। विजिलेंस ने 7 कर्मचारियों और ठेकेदारों को आरोपी बनाया है। यह Himachal News पूरे राज्य में चर्चा का विषय बनी हुई है। विजिलेंस ने अपनी जांच लगभग पूरी कर ली है। आने वाले दिनों में कई बड़ी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
गंदे नाले का पानी पिलाया
विजिलेंस की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। टेंडर की शर्तों के मुताबिक साफ पानी की सप्लाई नहीं की गई। ठेकेदारों ने तय स्थान से पानी नहीं भरा। इसके बजाय टैंकर चालकों ने नाले का गंदा पानी लोगों को पिला दिया। यह Himachal News लोगों की सेहत से खिलवाड़ को दिखाती है। जांच में इंजीनियरों और ठेकेदारों के बयान भी आपस में मेल नहीं खा रहे हैं। विभाग ने नियमों को ताक पर रखकर काम किया।
बाइक और कार को बताया टैंकर
इस घोटाले में फर्जी बिलों का खेल भी सामने आया है। जांच में पता चला कि टैंकर के नाम पर बाइक और कारों के नंबर दिए गए। हद तो तब हो गई जब एक अफसर की सरकारी गाड़ी को भी टैंकर बता दिया गया। ठेकेदारों ने विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलकर लाखों के बिल पास करवा लिए। इस Himachal News ने सरकारी सिस्टम की पोल खोल दी है। जिन गांवों में सड़क नहीं थी, वहां भी कागजों में टैंकर भेज दिए गए।
बगैर जांच के पास हुए बिल
अधिशासी अभियंता ने जूनियर इंजीनियरों के बिल बिना जांचे आगे बढ़ा दिए। विजिलेंस ने इस मामले में करीब 120 लोगों से पूछताछ की है। गौरतलब है कि ठियोग के पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने इस घोटाले का पर्दाफाश किया था। सरकार ने पहले 10 इंजीनियरों को निलंबित किया था, लेकिन बाद में उन्हें बहाल कर दिया। अब विजिलेंस इस Himachal News पर कड़ी कार्रवाई करने जा रही है।
