Himachal News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने जमाबंदी सेवाओं को पूरी तरह डिजिटल बनाने का फैसला किया है। अब ऑनलाइन जमाबंदी निकालने के लिए पटवारी के पास जाने की जरूरत नहीं होगी। पटवारी ई-डिस्ट्रिक्ट पोर्टल पर ही डिजिटल हस्ताक्षर करेंगे।
मंत्रिमंडल ने लिया महत्वपूर्ण फैसला
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल बैठक में यह निर्णय लिया गया। नई व्यवस्था में आवेदकों को पटवारखाने के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। ऑनलाइन जमाबंदी के लिए 50 रुपये शुल्क निर्धारित किया गया है। इससे लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।
राजस्व विभाग का पूर्ण डिजिटलीकरण
राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने बताया कि राजस्व विभाग के सभी रिकॉर्ड का डिजिटलाइजेशन किया जा रहा है। जमाबंदी, इंतकाल और मुसाबी जैसी सेवाएं ऑनलाइन उपलब्ध होंगी। इसके लिए प्रक्रिया पहले से चल रही है। नई व्यवस्था से पारदर्शिता बढ़ेगी।
एचपीपीसीएल को 957 करोड़ के कर्ज की गारंटी
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड को 957 करोड़ रुपये का कर्ज लेने की गारंटी देने का भी फैसला किया। इसके अलावा नगर निकाय चुनावों को दो साल तक टालने संबंधी विधेयक भी सदन में पेश किया जाएगा। राजस्व विभाग के पंजीकरण और कराधान विधेयक को भी मंजूरी मिली।
शिक्षकों के नियमितीकरण पर चर्चा
कैबिनेट बैठक में एसएमसी शिक्षकों के नियमितीकरण के मामले पर भी चर्चा हुई। मानसून सत्र में कैग रिपोर्ट रखी जाएगी। सरकार ने प्रशासनिक सुधारों को गति देने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। इनसे नागरिकों को बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी।
