Mandi News: हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले से घरेलू हिंसा का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। यहां एक विवाहिता ने महिला आयोग को दी अपनी शिकायत में पति, सास और ससुर पर जानलेवा हमले का आरोप लगाया है। पीड़िता का आरोप है कि उसके पति ने कपड़े बदलते वक्त कमरे में घुसकर मारपीट की और जान से मारने की धमकी दी। हिमाचल न्यूज की इस रिपोर्ट में जानिए कैसे एक महिला को दहेज और वर्चस्व की लड़ाई में प्रताड़ना का शिकार बनाया गया।
कपड़े बदलते समय कमरे में घुसा पति
मामला मंडी जिले की तहसील चच्योट के ग्राम शाला का है। पीड़िता रीता देवी ने बताया कि वह अपने भाई के घर से लौटी थी। वह अपने कमरे में कपड़े बदल रही थी। दरवाजा खुला था। तभी उनके पति हेम सिंह कमरे में घुस आए। पीड़िता के विरोध करने पर पति ने गालियां देनी शुरू कर दीं। आरोप है कि पति ने अपनी सास (पीड़िता की मां) के लिए अभद्र भाषा का प्रयोग किया। आरोपी ने धमकी दी कि वह उसकी मां और उसे जान से मार देगा।
ससुर ने उकसाया, पति ने तोड़ीं चूड़ियां
शिकायत के अनुसार, झगड़े की आवाज सुनकर सास चंचला देवी और ससुर केशरु राम भी वहां आ गए। ससुर ने कथित तौर पर अपने बेटे को उकसाते हुए कहा, “तूने इसको कुछ नहीं बोला, इसे पूछ।” इसके बाद पति ने रीता देवी की दोनों बाजुओं को बुरी तरह मरोड़ दिया। इससे उनकी चूड़ियां टूट गईं और हाथों से खून बहने लगा। पीड़िता ने बताया कि घर में सीसीटीवी कैमरा लगा है, इसलिए डर के मारे वह बाहर भागी। लेकिन आरोपियों ने उसे आंगन में पकड़ लिया और बालों से घसीटकर पीटा।
बीच सड़क पर दौड़ाया भाई
चीख-पुकार सुनकर पीड़िता का भाई और भाभी मौके पर पहुंचे। जब भाई ने बीच-बचाव करने की कोशिश की, तो आरोपियों ने उसे भी जान से मारने की धमकी दी। आरोपियों ने पीड़िता और उसके परिवार को गालियां देकर घर से निकाल दिया। पीड़िता ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस की मदद से वह घर लौटी, लेकिन तब तक ससुराल वाले ताला लगाकर गायब हो चुके थे। हिमाचल न्यूज के सूत्रों के अनुसार, पीड़िता को मेडिकल जांच के लिए गोहर अस्पताल और फिर सीटी स्कैन के लिए मंडी जाना पड़ा।
सुपरवाइजर पर भी गंभीर आरोप
रीता देवी ने आरोप लगाया कि 16 दिसंबर को जब वह सीडीपीओ कार्यालय में सुपरवाइजर से मिलीं, तो वहां भी उन्हें न्याय नहीं मिला। पीड़िता का दावा है कि सुपरवाइजर ने ससुराल वालों के सामने ही उसे धमकाया। सुपरवाइजर ने कहा, “कोर्ट से तुम्हें कुछ नहीं मिलेगा, न खर्चा मिलेगा।” पीड़िता के अनुसार, ससुराल वालों ने साफ कह दिया कि वे उसे एक पैसा नहीं देंगे।
बच्चे और गहने कब्जे में
पीड़िता ने महिला आयोग से गुहार लगाई है कि उसका बेटा अभी भी ससुराल वालों के कब्जे में है। उसे बच्चे से मिलने नहीं दिया जा रहा है। इसके अलावा, उसका सारा स्त्रीधन, गहने और कपड़े सास ने अपनी अलमारी में बंद कर लिए हैं। रीता देवी ने पुलिस से घरेलू हिंसा अधिनियम 2005 और आईपीसी की धारा 498A के तहत सख्त कार्रवाई की मांग की है।
