Himachal News: शिमला के नारकंडा में अवैध रूप से चल रही साहसिक गतिविधियों पर प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की है। जिला पर्यटन विकास अधिकारी (डीटीडीओ) जगदीश शर्मा ने झमुंडा और सिद्धपुर में औचक निरीक्षण किया। उन्होंने यहाँ चल रही अवैध जिप लाइनों को तुरंत बंद करवा दिया है। Himachal News में पर्यटकों की सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है। इसी को ध्यान में रखते हुए पर्यटन विभाग ने यह कदम उठाया है। विभाग ने नियमों को ताक पर रखने वाले संचालकों पर शिकंजा कस दिया है।
चार संचालकों को नोटिस, 7 दिन का अल्टीमेटम
पर्यटन विभाग ने मौके पर चार संचालकों को नोटिस जारी किए हैं। अधिकारियों ने सख्त लहजे में उन्हें 7 दिन के भीतर अवैध उपकरण हटाने के निर्देश दिए हैं। विभाग ने स्पष्ट किया है कि वन भूमि पर कब्जा बर्दाश्त नहीं होगा। इस संबंध में कोटगढ़ वन विभाग को भी सूचित कर दिया गया है। उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि सरकारी जमीन पर किसी भी तरह का ढांचा न बनने दिया जाए। Himachal News की खबरों के अनुसार प्रशासन अब नियमों का पालन करवाने के लिए पूरी तरह गंभीर है।
बिना लाइसेंस चल रहा था खेल
डीटीडीओ जगदीश शर्मा ने बताया कि जिप लाइन चलाने के लिए लाइसेंस अनिवार्य है। यह लाइसेंस सुरक्षा मानकों को पूरा करने के बाद ही मिलता है। निरीक्षण में पाया गया कि कई लोग बिना विधिक अनुमति के गतिविधियां चला रहे थे। यह हिमाचल प्रदेश विविध साहसिक गतिविधि नियम-2017 और 2021 का सीधा उल्लंघन है। ऐसी लापरवाही पर्यटकों और स्थानीय लोगों की जान के लिए खतरा बन सकती है। संचालन के लिए तकनीकी स्टाफ और बीमा होना बहुत जरूरी है।
हाईकोर्ट के आदेश पर कड़ी कार्रवाई
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने भी अवैध साहसिक खेलों पर कड़ा संज्ञान लिया है। कोर्ट के आदेशानुसार बिना अनुमति चल रहे ऑपरेशन्स पर तुरंत रोक लगाई जा रही है। यदि कोई ऑपरेटर नियमों को तोड़ता पाया गया तो उस पर कड़ी प्रशासनिक कार्रवाई होगी। इसमें गतिविधि स्थल को सील करना और भारी जुर्माना शामिल है। विभाग ने सभी संचालकों से अपील की है कि वे काम शुरू करने से पहले अपना पंजीकरण जरूर करवाएं।
