Himachal News: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला के आईजीएमसी (IGMC) अस्पताल में मरीज के साथ हुई बदसलूकी पर सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। प्रदेश सरकार ने मारपीट के आरोपी डॉक्टर राघव नरूला को तत्काल प्रभाव से नौकरी से निकाल दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के सख्त निर्देशों के बाद स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टर का कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया है। सरकार की इस त्वरित कार्रवाई ने प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया है।
सीएम सुक्खू ने दिया था 24 घंटे का अल्टीमेटम
इस मामले में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शुरू से ही बेहद गंभीर नजर आए। दिल्ली से शिमला लौटते ही उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री और विभाग के आला अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई थी। जांच अधिकारियों ने रिपोर्ट सौंपने के लिए सीएम से तीन दिन का समय मांगा था। लेकिन मुख्यमंत्री ने इसे खारिज करते हुए सिर्फ 24 घंटे में रिपोर्ट तलब की थी। जांच रिपोर्ट सामने आते ही सरकार ने आरोपी डॉक्टर की सेवाएं समाप्त करने का फैसला सुना दिया।
गलत करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा
शिमला के ऐतिहासिक रिज मैदान पर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर सीएम सुक्खू ने इस विवाद पर अपनी चुप्पी तोड़ी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि डॉक्टर ने जो किया, वह गलत था। जांच रिपोर्ट के आधार पर ही यह कार्रवाई की गई है। हालांकि, मुख्यमंत्री ने यह भी भरोसा दिलाया कि डॉक्टर्स एसोसिएशन की बातों को भी सुना जाएगा। सरकार भविष्य में अस्पतालों के भीतर डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी। साथ ही, एक मरीज के साथ कितने तीमारदार अस्पताल में रुक सकते हैं, इस पर भी जल्द नीति बनाई जाएगी।
वायरल वीडियो ने खोली थी पोल
बर्खास्त किए गए डॉ. राघव नरूला सिरमौर जिले के पांवटा साहिब के रहने वाले हैं। वह आईजीएमसी के पल्मोनरी विभाग में बतौर सीनियर रेजिडेंट तैनात थे। कुछ दिन पहले उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था। इसमें वह मरीज और उनके परिजनों के साथ मारपीट करते दिखाई दिए थे। पीड़ित परिवार ने इस संबंध में पुलिस में मामला भी दर्ज करवाया था। परिजनों ने सीएम से मुलाकात कर न्याय की गुहार लगाई थी, जिसके बाद यह सख्त एक्शन लिया गया।
