Mandi News: हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार वीरवार को अपने कार्यकाल के तीन साल पूरे कर रही है। इस मौके पर मंडी में ‘जनसंकल्प सम्मेलन’ का आयोजन किया जा रहा है। सरकार इस कार्यक्रम के जरिए अपनी ताकत दिखाएगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू इस मंच से विपक्ष पर तीखा हमला बोलने की तैयारी में हैं। मंडी को इस कार्यक्रम के लिए चुना जाना राजनीतिक रूप से काफी अहम माना जा रहा है।
विपक्ष पर तीखा हमला बोलने की तैयारी
प्राकृतिक आपदा के दौरान मिली राजनीतिक चुनौतियों को मुख्यमंत्री जनता के सामने रखेंगे। सरकार का मानना है कि जब प्रदेश आपदा से जूझ रहा था, तब विपक्ष राजनीतिक साजिशें रच रहा था।
- मुख्यमंत्री मंच से आपदा के जख्मों और राजनीतिक संकट की बात करेंगे।
- यह संदेश दिया जाएगा कि सरकार मुश्किल वक्त में भी जनता के साथ खड़ी रही।
- विपक्ष की भूमिका पर सवाल उठाते हुए तीखे हमले किए जाएंगे।
भीड़ जुटाने के लिए मंत्रियों को मिला टारगेट
सम्मेलन को सफल बनाने के लिए सरकार ने पूरी ताकत झोंक दी है। कैबिनेट मंत्रियों, विधायकों और बोर्ड-निगमों के अध्यक्षों को भीड़ जुटाने का जिम्मा सौंपा गया है। सभी नेताओं को बाकायदा टारगेट दिए गए हैं ताकि रैली में जनसैलाब उमड़े और कार्यकर्ताओं में नया जोश भरा जा सके।
मंडी को चुनने के पीछे छिपे हैं ये सियासी मायने
राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, कार्यक्रम के लिए मंडी का चुनाव करना एक सोची-समझी रणनीति है। Himachal Pradesh News में मंडी का विशेष महत्व है:
- जयराम ठाकुर का गढ़: मंडी नेता प्रतिपक्ष और पूर्व सीएम जयराम ठाकुर का गृह जिला है।
- कांग्रेस का पुराना किला: डेढ़ दशक पहले तक यह कांग्रेस का मजबूत गढ़ था।
- खिसकती जमीन: 2017 में यहां कांग्रेस का खाता नहीं खुला था और 2022 में सिर्फ एक सीट मिली।
- वापसी की कोशिश: कांग्रेस इस रैली के जरिए मंडी में अपनी जड़ों को फिर से मजबूत करना चाहती है।
हर साल अलग संसदीय क्षेत्र में जश्न
सरकार ने मंडी को चुनने के पीछे एक और तर्क दिया है। पहले साल का जश्न कांगड़ा संसदीय क्षेत्र में हुआ था। दूसरे साल का कार्यक्रम हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के बिलासपुर में मनाया गया। अब तीसरे साल की बारी मंडी संसदीय क्षेत्र की है। शिमला संसदीय क्षेत्र में पहले ही शपथ ग्रहण समारोह हो चुका है।
