Himachal News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने नशे के सौदागरों के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्पष्ट किया है कि चिट्टा तस्करों का नाम और नेटवर्क पूरी तरह मिटा दिया जाएगा। यह कार्रवाई अब एक जन आंदोलन बन चुकी है। हमीरपुर में एक जागरूकता रैली के दौरान सीएम ने बताया कि पुलिस ने 1214 तस्करों और संदिग्धों की पहचान कर ली है। इसके अलावा तस्करों की 950 अवैध संपत्तियों को भी चिन्हित किया गया है।
121 स्थानों पर एक साथ पुलिस की रेड
हिमाचल के इतिहास में नशा माफिया पर यह सबसे बड़ा प्रहार है। मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि 22 नवंबर को पूरे प्रदेश में पुलिस ने एक साथ 121 ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान बड़े तस्करों के नेटवर्क को सीधा निशाना बनाया गया। पुलिस ने शिक्षण संस्थानों के पास भी अपना अभियान तेज किया है। राज्य के 41 स्कूल-कॉलेजों और 598 दुकानों के आसपास गहन तलाशी ली गई है। इस अभियान में 12 नए एनडीपीएस मामले दर्ज किए गए हैं और 385 चालान काटे गए हैं।
PIT-NDPS एक्ट में 16 नामी तस्कर गिरफ्तार
सुक्खू सरकार ने कानून को और सख्त कर दिया है। 7 दिसंबर को पीआईटी और एनडीपीएस एक्ट के तहत राज्य के अलग-अलग हिस्सों से 16 कुख्यात तस्करों को हिरासत में लिया गया। इस कड़े कानून के तहत अब तक कुल 63 तस्कर जेल भेजे जा चुके हैं। सीएम ने कहा कि यह हिमाचल की अस्मिता की लड़ाई है। सरकार चिट्टा रूपी दीमक को खत्म करने के लिए सख्त और निर्णायक कदम उठा रही है। हमीरपुर के गांधी चौक से पुलिस लाइन दोसड़का तक आयोजित वॉकथॉन में सीएम ने खुद मोर्चा संभाला।
सूचना देने वाले को मिलेगा 10 लाख का इनाम
मुख्यमंत्री ने आम जनता को भी इस लड़ाई में जोड़ने के लिए बड़ी घोषणा की है। चिट्टा माफिया या तस्करों की सूचना देने वाले व्यक्ति को सरकार 10 हजार से लेकर 10 लाख रुपये तक का इनाम देगी। सीएम ने भरोसा दिलाया कि सूचना देने वाले की पहचान 100 प्रतिशत गुप्त रखी जाएगी। उन्होंने समाज के सभी वर्गों से एकजुट होकर नशे के खिलाफ लड़ने का आह्वान किया।
स्कूली बच्चों ने ली नशा मुक्ति की शपथ
इस महा-अभियान में युवाओं को भी शामिल किया गया है। वॉकथॉन शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री ने स्कूली बच्चों और उपस्थित लोगों को नशे के खिलाफ शपथ दिलाई। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे अपने आसपास के लोगों को मादक पदार्थों के बुरे असर के बारे में बताएं। इस मौके पर तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, डीजीपी अशोक तिवारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। पुलिस विभाग ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के जरिए भी लोगों को जागरूक किया।
