Himachal News: ऊना जिला प्रशासन ने मिलावटखोरों के खिलाफ सख्त रुख अपना लिया है। उपायुक्त जतिन लाल ने खाद्य सुरक्षा को लेकर कड़े निर्देश जारी किए हैं। अब नियमों को तोड़ने वाले दुकानदारों पर भारी जुर्माना लगेगा। प्रशासन ने शराब विक्रेताओं को भी फूड लाइसेंस लेने का आदेश दिया है। यह फैसला लोगों की सेहत को ध्यान में रखकर लिया गया है।
शराब विक्रेताओं को लेना होगा लाइसेंस
डीसी ने अधिकारियों को खाने के सैंपलों की संख्या बढ़ाने को कहा है। सहायक आयुक्त को आबकारी विभाग के साथ मिलकर काम करना होगा। सभी शराब विक्रेताओं के लिए अब फूड लाइसेंस अनिवार्य कर दिया गया है। लाइसेंस न होने पर उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन जिले में साफ और सुरक्षित खाना सुनिश्चित करना चाहता है। Himachal News में खाद्य सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है।
लाखों रुपये का वसूला जुर्माना
इस साल विभाग ने 88 खाने के नमूने भरे थे। लैब जांच में 14 नमूने फेल पाए गए हैं। इनमें से कुछ में मिलावट थी और कुछ गलत ब्रांडिंग के थे। विभाग ने नियमों के उल्लंघन पर करीब 12 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। दिवाली के दौरान 1500 किलो खराब पनीर भी जब्त किया गया था। जिले में अभी 482 फूड लाइसेंस ऑपरेटर सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।
मोबाइल वैन से होगी मुफ्त जांच
ऊना जिले को एक मोबाइल टेस्टिंग लैब मिली है। इसमें दूध, तेल और जूस की तुरंत जांच की जाएगी। यह जांच आम लोगों के लिए पूरी तरह मुफ्त रहेगी। डीसी ने वैन के लिए पूरा स्टाफ देने का भरोसा दिया है। जिले में खराब तेल से बायोडीजल बनाने का काम भी शुरू हो गया है। प्रशासन लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान भी चलाएगा।
