Himachal News: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड की समीक्षा बैठक में भाग लिया। उन्होंने उत्पादों की गुणवत्ता और वितरण के लिए प्रभावी तरीके अपनाने के निर्देश दिए। पिछले दो वर्षों में राज्य में 222 स्वचालित दुग्ध संग्रहण इकाइयां स्थापित की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने किन्नौर जिले के करछम या टापरी में एक दुग्ध प्रसंस्करण केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव रखा। यह केंद्र सेना और स्थानीय निवासियों की आवश्यकताओं को पूरा करेगा। शिमला जिले के दत्तनगर में स्थित दोनों दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्रों को आउटसोर्सिंग के माध्यम से संचालित करने पर विचार किया जाएगा।
नए दुग्ध पाउडर संयंत्र की योजना
मंडी जिले में मौजूदा दुग्ध प्रसंस्करण संयंत्र में एक नया दुग्ध पाउडर संयंत्र स्थापित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इसके लिए प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। इस वित्तीय वर्ष में संघ ने दूध खरीद में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की है।
राज्य में 29 नए बल्क मिल्क कूलर स्थापित किए गए हैं। दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों की संख्या बढ़कर 716 हो गई है। अब 40,000 से अधिक किसान मिल्कफेड को दूध बेच रहे हैं। इससे किसानों की आय में वृद्धि हो रही है।
किन्नौर में दुग्ध प्रसंस्करण केंद्र का प्रस्ताव
किन्नौर जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में दुग्ध प्रसंस्करण केंद्र की स्थापना से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। इससे सीमा पर तैनात सैनिकों को ताजा दुग्ध उत्पाद उपलब्ध हो सकेंगे। स्थानीय निवासियों को भी रोजगार के नए अवसर प्राप्त होंगे।
मुख्यमंत्री ने दुग्ध उत्पादों की गुणवत्ता बनाए रखने पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को शुद्ध और गुणवत्तापूर्ण उत्पाद उपलब्ध कराना प्राथमिकता है। इसके लिए आधुनिक तकनीक के इस्तेमाल की आवश्यकता है।
दुग्ध संग्रहण और प्रसंस्करण में वृद्धि
राज्य में दुग्ध संग्रहण की सुविधाओं में उल्लेखनीय विस्तार हुआ है। स्वचालित दुग्ध संग्रहण इकाइयों ने किसानों के लिए प्रक्रिया को आसान बनाया है। दूध की गुणवत्ता बनाए रखने में भी इन इकाइयों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
बल्क मिल्क कूलर की स्थापना से दूध के भंडारण और परिवहन में सुधार आया है। इससे दूध की गुणवत्ता लंबे समय तक बनी रहती है। किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य मिल पा रहा है।
सहकारी समितियों का विस्तार
दुग्ध उत्पादक सहकारी समितियों की संख्या में हुई वृद्धि ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान की है। 716 सहकारी समितियां किसानों को संगठित करने में सफल रही हैं। चालीस हज़ार किसानों का मिल्कफेड से सीधा जुड़ाव हुआ है।
बैठक में फेडरेशन के अध्यक्ष बुद्धि सिंह ठाकुर, प्रमुख सचिव वित्त देवेश कुमार और सचिव स्वास्थ्य एम. सुधा देवी उपस्थित थे। प्रबंध निदेशक विकास सूद, वरिष्ठ प्रबंधक प्रीति और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया। सभी ने दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की।
