शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

Himachal Lottery: हिमाचल में 25 साल बाद फिर शुरू हुई लॉटरी, जानें आपको क्या होंगे फायदे-नुकसान

1Himachal Lottery: हिमाचल में 25 साल बाद लॉटरी सिस्टम शुरू हो रहा है। सुक्खू सरकार का यह फैसला राजस्व बढ़ाने का कदम है। जानें इसके फायदे और नुकसान।

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Himachal News: हिमाचल प्रदेश में लॉटरी सिस्टम 25 साल बाद फिर शुरू हो रहा है। 1999 में बीजेपी सरकार ने इसे बंद किया था। अब सुक्खू सरकार ने राजस्व बढ़ाने के लिए इसे दोबारा शुरू करने का फैसला लिया। कैबिनेट ने 31 जुलाई 2025 को यह निर्णय लिया। इससे सालाना 50 से 100 करोड़ रुपये की आय होने की उम्मीद है। यह फैसला राज्य के 1 लाख करोड़ के कर्ज को कम करने में मदद करेगा।

लॉटरी का इतिहास और बंद होने का कारण

हिमाचल में लॉटरी 1999 में बीजेपी के मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने बंद की थी। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसे आर्थिक नुकसान और जुअे की लत का कारण बताया था। इससे कई परिवार बर्बाद हो गए थे। 1998 के लॉटरी विनियमन अधिनियम के तहत इसे प्रतिबंधित किया गया। पड़ोसी राज्यों की लॉटरी टिकटों की बिक्री भी रोकी गई। 2004 में कांग्रेस ने इसे फिर शुरू किया, लेकिन 2007 में दोबारा बंद कर दिया गया।

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लॉटरी के फायदे

लॉटरी से हिमाचल को आर्थिक लाभ होगा। सरकार को हर साल 50 से 100 करोड़ रुपये की आय होगी। यह राशि कर्ज कम करने और विकास कार्यों में मदद करेगी। केरल, पंजाब और सिक्किम जैसे राज्यों में लॉटरी से भारी राजस्व मिलता है। हिमाचल में भी इसका संचालन प्रतिस्पर्धी निविदा के जरिए होगा। इससे पड़ोसी राज्यों में जाने वाला पैसा राज्य में ही रहेगा। यह रोजगार के अवसर भी पैदा कर सकता है।

लॉटरी के नुकसान

लॉटरी के सामाजिक नुकसान भी हैं। यह गरीब और बेरोजगार लोगों को प्रभावित कर सकती है। जुए की लत से परिवारों में आर्थिक संकट और तनाव बढ़ सकता है। बीजेपी नेता राजीव बिंदल ने इसे बेरोजगार युवाओं के लिए हानिकारक बताया। उनका कहना है कि यह युवाओं को मेहनत की बजाय जुए की ओर धकेलता है। सामाजिक कार्यकर्ता इसे सामाजिक बुराई मानते हैं, जो परिवारों को तोड़ सकती है।

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राजनीतिक विवाद

लॉटरी शुरू करने का फैसला राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है। बीजेपी ने इसे ‘नैतिक रूप से गलत’ बताया। नेता जयराम ठाकुर ने इसे परिवारों के लिए हानिकारक कहा। बीजेपी ने वादा किया है कि सत्ता में आने पर वह इसे बंद कर देगी। दूसरी ओर, कांग्रेस का कहना है कि यह आर्थिक संकट से निपटने का जरूरी कदम है। यह विवाद विधानसभा के मॉनसून सत्र में भी उठ सकता है।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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