Shimla News: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए कहा है कि इंसान के दांतों को धारा 324 के तहत घातक हथियार नहीं माना जा सकता। जस्टिस राकेश कैंथला ने चंबा जिले के एक मामले में ट्रायल कोर्ट के फैसले को आंशिक रूप से पलट दिया है।
यह मामला मार्च 2007 की एक घटना से संबंधित है जब एक महिला के घर में घुसकर उसके साथ छेड़छाड़ की गई थी। आरोपी ने महिला को दांतों से काट लिया था जिसके आधार पर उसे धारा 324 के तहत दोषी ठहराया गया था।
मामले की पृष्ठभूमि
पीड़ित महिला अपने घर में अकेली सो रही थी जब आरोपी रात में उसके कमरे में घुस गया। उसने महिला का हाथ पकड़ा और उसे चूमने की कोशिश की। महिला के शोर मचाने पर आरोपी वहां से भाग गया। महिला ने तुरंत पुलिस को सूचना दी थी।
डॉक्टरी जांच में महिला के शरीर पर दांतों के काटने के निशान पाए गए थे। इस आधार पर ट्रायल कोर्ट ने आरोपी को धारा 324 के तहत दोषी ठहराया था। सेशन कोर्ट ने इस फैसले को बरकरार रखा था।
हाईकोर्ट का तर्क
जस्टिस कैंथला ने कहा कि धारा 324 केवल खतरनाक हथियारों से की गई चोट पर लागू होती है। दांतों को इस श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। हालांकि कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि घर में घुसना गंभीर अपराध है।
हाईकोर्ट ने आरोपी को धारा 324 के तहत दोषी ठहराने के फैसले को रद्द कर दिया। अन्य आरोपों पर सजा बरकरार रखी गई। कोर्ट ने कहा कि घर को व्यक्ति का किला माना जाता है और उसमें घुसना गंभीर अपराध है।
