शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

हिमाचल हाईकोर्ट: दिहाड़ीदार नियमितीकरण नीति पर सरकार को नोटिस, चार सप्ताह में देना होगा जवाब

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Himachal News: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने दिहाड़ीदार श्रमिकों के नियमितीकरण की 2025 नीति पर सरकार को नोटिस जारी किया है। मुख्य सचिव को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया गया है। हाईकोर्ट ने कहा कि यह नीति सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का उल्लंघन करती है। 8 अप्रैल 2025 की अधिसूचना के तहत चार साल पूरे करने वाले दिहाड़ीदारों को नियमित करने का प्रावधान है। अगली सुनवाई 26 अगस्त को होगी।

नियमितीकरण नीति पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना

हिमाचल हाईकोर्ट की खंडपीठ ने पाया कि सरकार की नई नीति सुप्रीम कोर्ट के उमा देवी मामले के फैसले के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट ने नियमितीकरण को एक बार का उपाय माना था। अदालत ने सरकार से पूछा कि उसने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन कैसे नहीं किया। रोगी कल्याण समिति के अस्थायी कर्मचारियों की अपील पर सुनवाई हुई। सूरजमणि केस में भी सुप्रीम कोर्ट ने नियमितीकरण पर स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए थे।

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औद्योगिक प्रोत्साहन योजना पर चार महीने में निर्णय का आदेश

हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को औद्योगिक प्रोत्साहन योजना के तहत आवेदनों पर चार महीने में निर्णय लेने का निर्देश दिया। खंडपीठ ने यूनियन ऑफ इंडिया बनाम अतुल शर्मा मामले में यह आदेश सुनाया। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि उनके पंजीकरण को रद्द किया गया, जबकि आवेदन सशक्त समिति को भेजे गए थे। यह योजना हिमाचल और उत्तराखंड के लिए है। अधिक जानकारी के लिए राइट न्यूज इंडिया देखें।

मंडी-हमीरपुर राजमार्ग पर अतिक्रमण की स्टेटस रिपोर्ट तलब

हिमाचल हाईकोर्ट ने मंडी-हमीरपुर राजमार्ग पर अतिक्रमण को लेकर सरकार से स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। अदालत ने नगर निगम मंडी को भी नोटिस जारी किया। खंडपीठ ने तीन सप्ताह में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया। यातायात जाम की समस्या अतिक्रमण के कारण गंभीर है। विपिन कुमार गुलेरिया की जनहित याचिका पर सुनवाई हुई। अगली सुनवाई 20 अगस्त को होगी। हिमाचल हाईकोर्ट पर और जानकारी उपलब्ध है।

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बाल अधिकार संरक्षण मामले में डीजीपी को पक्षकार बनाया

हाईकोर्ट ने बाल अधिकार संरक्षण मामले में पुलिस महानिदेशक और अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग निदेशालय को पक्षकार बनाया। यह मामला भिक्षावृत्ति में शामिल बच्चों से जुड़ा है। अदालत ने हिमाचल प्रदेश भिक्षावृत्त निवारण अधिनियम 1979 की स्थिति पर हलफनामा मांगा। इस अधिनियम का उद्देश्य भिक्षावृत्ति रोकना और प्रभावितों का पुनर्वास करना है। मामले की अगली सुनवाई 26 अगस्त को होगी।

Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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