शनिवार, दिसम्बर 20, 2025

Himachal High Court: छात्रा को मेरिट लिस्ट में नहीं डालने पर हिमाचल हाईकोर्ट ने बोर्ड पर लगाया जुर्माना, पढ़ें सभी महत्वपूर्ण फैसले

Himachal High Court: हिमाचल हाईकोर्ट ने छात्रा यशस्विनी को मेरिट लिस्ट में शामिल करने और बीएड कॉलेजों को काउंसलिंग की अनुमति दी। निशांत सरीन को हलफनामा दाखिल करने के निर्देश दिए।

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Himachal News: हिमाचल हाईकोर्ट ने छात्रा यशस्विनी अग्रवाल को दसवीं की मेरिट लिस्ट में शामिल करने का आदेश दिया। कोर्ट ने बोर्ड पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाया। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने बोर्ड की लापरवाही को निंदनीय बताया। छात्रा को सभी लाभ देने के निर्देश दिए गए। यशस्विनी ने पुनर्मूल्यांकन के बाद 693 अंक प्राप्त किए, जो मेरिट लिस्ट में स्थान पाने के लिए पर्याप्त थे।

बीएड कॉलेजों को राहत

हिमाचल हाईकोर्ट ने बीएड कॉलेज एसोसिएशन को बीएड काउंसलिंग के लिए अंतरिम अनुमति दी। न्यायाधीश अजय मोहन गोयल ने केवल उन कॉलेजों को राहत दी, जो समय पर फीस जमा करेंगे। संगठन ने 2 अगस्त तक शुल्क जमा करने का आश्वासन दिया। रजिस्ट्रार ज्ञान सिंह नेगी ने बताया कि कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं हुई। यह फैसला बीएड कॉलेजों के लिए महत्वपूर्ण है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर विवरण उपलब्ध है।

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निशांत सरीन को निर्देश

हाईकोर्ट ने निशांत सरीन को हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा की खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने को कहा। सरीन को ट्रायल कोर्ट में आत्मसमर्पण के दस्तावेज पेश करने होंगे। यह मामला सुप्रीम कोर्ट के 11 अप्रैल 2023 के आदेश से जुड़ा है। कोर्ट ने स्पष्ट दस्तावेज प्रस्तुत करने पर जोर दिया।

छात्रा की मेरिट लिस्ट विवाद

यशस्विनी ने मार्च 2024 में दसवीं की परीक्षा दी और 686 अंक प्राप्त किए। पुनर्मूल्यांकन के बाद उनके अंक 693 हो गए, जिससे वे मेरिट लिस्ट में शामिल हुईं। बोर्ड ने दस्तावेज देरी का हवाला देकर मेरिट सर्टिफिकेट देने से इनकार किया। कोर्ट ने बोर्ड के रवैये की निंदा की। स्कूल मुख्याध्यापक को जिम्मेदार ठहराया गया। यह फैसला छात्रों के हित में है।

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Poonam Sharma
Poonam Sharma
एलएलबी और स्नातक जर्नलिज्म, पत्रकारिता में 11 साल का अनुभव।

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