Himachal News: हिमाचल हाईकोर्ट ने आउटसोर्स मामले में जवाब दाखिल न करने पर सरकार पर 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने यह आदेश दिया। जुर्माना गलती करने वाले अधिकारी से वसूला जाएगा। यह राशि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को दी जाएगी। सरकार ने जवाब के लिए दो सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा। अगली सुनवाई 20 अगस्त को होगी।
जवाब दाखिल करने में देरी
हिमाचल हाईकोर्ट ने पिछली सुनवाई में सरकार को जवाब दाखिल करने का अंतिम अवसर दिया था। इसके बावजूद सरकार ने कोई जवाब दाखिल नहीं किया। अदालत ने कहा कि जुर्माना जमा होने पर ही अंतिम अवसर मिलेगा। अगर सरकार जवाब दाखिल करने में विफल रही, तो जवाब दाखिल करने का अधिकार समाप्त हो जाएगा। कोर्ट ने इस मामले को गंभीरता से लिया है।
कोर्ट का सख्त रुख
हिमाचल हाईकोर्ट ने सरकार की लापरवाही पर नाराजगी जताई। खंडपीठ ने स्पष्ट किया कि जुर्माना गलती करने वाले अधिकारी से वसूला जाएगा। यह राशि राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को भुगतान होगी। सरकार ने दो सप्ताह का अतिरिक्त समय मांगा है। कोर्ट ने चेतावनी दी कि समय पर जवाब न देने पर सख्त कार्रवाई होगी। मामले की सुनवाई 20 अगस्त को होगी।
अगली सुनवाई का इंतजार
हिमाचल हाईकोर्ट ने सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए सशर्त समय दिया। जुर्माना जमा करने के बाद ही अंतिम अवसर मिलेगा। कोर्ट ने कहा कि जवाब न देने पर सरकार का अधिकार समाप्त हो सकता है। यह मामला आउटसोर्स कर्मचारियों से संबंधित है। अगली सुनवाई 20 अगस्त को निर्धारित की गई है। कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आदेश का पालन अनिवार्य है।
