Mandi News: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष के विवादास्पद स्थानांतरण आदेश को रद्द कर दिया है। न्यायमूर्ति संदीप शर्मा ने शिक्षिका लता कुमारी की याचिका स्वीकार करते हुए 14 सितंबर के आदेश को खारिज किया। कोर्ट ने शिक्षा विभाग को निर्देश दिया कि वह याचिकाकर्ता को उसके वर्तमान स्थान पर नियमित कार्यकाल पूरा करने की अनुमति दे।
कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि यह स्थानांतरण आदेश स्थानांतरण नीति का उल्लंघन करता है। याचिकाकर्ता को उसके सामान्य कार्यकाल की अवधि पूरी होने से पहले ही स्थानांतरित कर दिया गया था। इससे पहले भी उसे दूर-दराज के इलाकों में तैनाती का सामना करना पड़ा था।
याचिकाकर्ता लता कुमारी ने कोर्ट में दलील दी थी कि यह तबादला केवल निजी प्रतिवादी रमेश कुमार को समायोजित करने के लिए किया गया था। रमेश कुमार प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष हैं। उन्हें अपनी प्रारंभिक नियुक्ति के बाद से केवल 30 किलोमीटर के दायरे में ही तैनाती मिली है।
कोर्ट ने अपने निर्णय में इस तथ्य को स्वीकार किया कि निजी प्रतिवादी विकलांग हैं और उन्हें कुछ रियायतों का हकदार है। हालांकि, यह भी कहा कि ऐसी रियायतों का इस्तेमाल एक 52 वर्षीय महिला शिक्षिका को नुकसान पहुंचाने के लिए नहीं किया जा सकता। न्यायालय ने प्रशासनिक निष्पक्षता पर जोर दिया।
शिक्षा विभाग द्वारा दायर जवाब में खुलासा हुआ कि लता कुमारी 2014 में दूरस्थ स्थानों पर तैनात थीं। इनमें जीपीएस करकोह, जीपीएस जनेड़ और जीपीएस झिरी शामिल हैं। यह स्थान उनके वर्तमान ड्यूटी स्टेशन से क्रमशः 115, 40 और 72 किलोमीटर दूर थे।
इस मामले ने शिक्षकों की तैनाती और स्थानांतरण की नीतियों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अदालत के फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि नीतियों का पालन सख्ती से किया जाना चाहिए। किसी भी तरह का पक्षपात स्वीकार्य नहीं होगा। यह फैसला शिक्षकों के अधिकारों के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
