Shimla News: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एलआईसी) को हिमाचल प्रदेश हाउसिंग एंड अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी (हिमुडा) के सेवानिवृत्त कर्मचारियों को महंगाई भत्ते ( डीए) सहित पेंशन देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने डीए
की उस कार्यवाही को रद्द कर दिया जिसमें उसने अतिरिक्त राशि की मांग करते हुए पेंशन रोक दी थी।
न्यायमूर्ति विवेक सिंह ठाकुर और न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने एकल न्यायाधीश के पहले के फैसले को बरकरार रखा। एकल न्यायाधीश ने एलआईसी
को निर्देश दिया था कि वह भविष्य में कर्मचारियों की पेंशन रोकने या अवैध तरीके से अतिरिक्त पैसों की मांग नहीं करेगी।
मामला वर्ष 2005 का है जब के कर्मचारियों को उसकी ग्रुप सुपरनुएशन कैश क्युमूलेटिव स्कीम के तहत पेंशन देने के लिए राजी हुई थी। सभी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद सेवानिवृत्त कर्मचारियों को नियमित पेंशन मिलने लगी।
परन्तु 2014 में एलआईसी ने अचानक हिमुडा से एक अतिरिक्त राशि का भुगतान करने की मांग रखी। जब यह राशि नहीं दी गई तो एलआईसी ने 23 नवंबर 2015 को एक नोटिस जारी करके सभी कर्मचारियों को पेंशन देना बंद कर दिया। इस कार्रवाई के खिलाफ हिमुडा
UDA( ऊदा)ने हाईकोर्ट का दरवाजा खट खटाया।कोर्ट ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि एलआईसी योजना के तहत आपसी सहमति से तय राशि के अलावा कोई अतिरिक्त शुल्क लेने का हकदार नहीं है। अदालत ने एलआईसी
की मांग को अवैध करार देते हुए उसे सेवानिवृत्त कर्मचारियों को बकाया पेंशन का भुगतान करने का निर्देश दिया है।
