Himachal News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने शहरी दुकानदारों के लिए एक बड़ी योजना शुरू की है। मुख्यमंत्री लघु दुकानदार कल्याण योजना अब शहरी क्षेत्रों में लागू होगी। इसके तहत संकटग्रस्त छोटे दुकानदारों को ऋण निपटान की सुविधा मिलेगी। शनिवार को इस संबंध में आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी गई।
इस योजना का लक्ष्य दुकानदारों को बैंकों के कर्ज से मुक्ति दिलाना है। सरकार उनके फंसे हुए कर्ज का निपटान करेगी। इससे व्यापारी फिर से अपना कारोबार मजबूत कर सकेंगे। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों के बाद अब शहरों तक पहुंचेगी।
एक लाख रुपये तक की ओटीएस सुविधा
योजना के तहत दस लाख रुपये से कम वार्षिक टर्नओवर वाले दुकानदार लाभ ले सकते हैं। उन्हें बैंकों के माध्यम से एक लाख रुपये तक की ओटीएस सुविधा मिलेगी। इस पूरी राशि का भुगतान राज्य सरकार करेगी। प्रदेश के स्थायी निवासी ही इस योजना के पात्र हैं।
बैंकों से लिए गए व्यावसायिक ऋण इसके दायरे में आएंगे। जिन खातों को एनपीए घोषित किया गया है उनका निपटान किया जाएगा। दुकानदारों पर बकाया मूलधन और ब्याज एक लाख रुपये तक होना चाहिए। इससे अधिक राशि पर दुकानदार को स्वयं भुगतान करना होगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में पहले से चल रही है योजना
सरकार ने वर्ष 2023 में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह योजना शुरू की थी। मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में इसे शहरी क्षेत्रों तक बढ़ाने की घोषणा की थी। अब इस घोषणा को लागू किया जा रहा है। यह छोटे व्यवसायियों के लिए एक बड़ी राहत है।
ग्रामीण क्षेत्रों में योजना का सकारात्मक प्रभाव देखा गया है। कई दुकानदारों ने कर्ज से मुक्ति पाई है। उन्होंने अपना व्यवसाय फिर से शुरू किया है। इस सफलता के बाद अब शहरी क्षेत्रों में भी योजना लागू होगी।
लाभ लेने के लिए पात्रता शर्तें
परिवार का कोई भी सदस्य राज्य या केंद्र सरकार की नियमित सेवा में नहीं होना चाहिए। जानबूझकर चूक, धोखाधड़ी या कदाचार के मामले योजना से बाहर रहेंगे। केवल बिना गिरवी दिए गए ऋण ही इस योजना में शामिल किए जाएंगे। गिरवी रखे गए ऋण इसके दायरे में नहीं आएंगे।
दुकानदार का व्यवसाय दस लाख रुपये से कम वार्षिक टर्नओवर वाला होना चाहिए। उसे प्रदेश का स्थायी निवासी होना आवश्यक है। उसके बैंक खाते एनपीए की श्रेणी में होने चाहिए। सभी दस्तावेजों का सत्यापन कड़ाई से किया जाएगा।
आवेदन प्रक्रिया क्या होगी
सरकार जल्द ही आवेदन प्रक्रिया का विवरण जारी करेगी। दुकानदारों को आवेदन फॉर्म भरना होगा। सभी आवश्यक दस्तावेज संलग्न करने होंगे। बैंक से संबंधित कागजात भी जमा करने होंगे।
आवेदन की जांच के बाद पात्र दुकानदारों का चयन होगा। चयनित दुकानदारों की सूची बनाई जाएगी। फिर बैंकों के साथ समन्वय कर ऋण निपटान प्रक्रिया शुरू होगी। पूरी प्रक्रिया पारदर्शी तरीके से संपन्न होगी।
योजना का व्यापारियों पर प्रभाव
यह योजना छोटे दुकानदारों के लिए जीवनरेखा साबित हो सकती है। कर्ज के बोझ से मुक्त होकर वे नए सिरे से काम शुरू कर सकते हैं। उनका आत्मविश्वास वापस आएगा। व्यवसाय को पुनर्जीवित करने में मदद मिलेगी।
कर्ज मुक्ति से उनकी क्रेडिट रेटिंग में सुधार होगा। भविष्य में फिर से ऋण लेने की क्षमता बनेगी। यह उनके आर्थिक पुनरुत्थान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार की यह पहल व्यवसायी समुदाय को सशक्त बनाएगी।
सरकार का दृष्टिकोण और भविष्य की योजनाएं
सरकार का मानना है कि छोटे व्यवसाय अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं। उन्हें सहायता देकर रोजगार बढ़ाया जा सकता है। आर्थिक गतिविधियों को गति दी जा सकती है। इसलिए ऐसी योजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है।
भविष्य में और भी योजनाएं लाई जा सकती हैं। व्यवसायियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किए जा सकते हैं। तकनीकी उन्नयन में मदद की जा सकती है। बाजार तक पहुंच बढ़ाने के प्रयास किए जा सकते हैं। इस योजना से एक सकारात्मक शुरुआत हुई है।
