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बुधवार, 27 सितम्बर,2023

हिमाचल सरकार मादक पदार्थों के उत्पादन और व्यापार में वृद्धि का अध्ययन कर दे रिपोर्ट: हाई कोर्ट

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Shimla News: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मादक पदार्थों के उत्पादन और व्यापार में वृद्धि का अध्ययन कर रिपोर्ट तलब की है। अदालत ने सरकार को प्रदेश में मादक पदार्थों से जुड़े अपराधों को रोकने के उपायों की जानकारी कोर्ट के समक्ष रखने के आदेश दिए हैं।

इसके अलावा मादक पदार्थों के अवैध उत्पादन और व्यापार को कम करने के तरीकों को अदालत के समक्ष पेश करने को कहा गया है। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 2 नवंबर को निर्धारित की है।

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अदालत ने भांग की खेती को कानूनी मान्यता प्रदान करने के मामले में यह आदेश दिए। बता दें कि केंद्र और राज्य सरकार की ओर से सकारात्मक सोच सामने न आने के कारण इस मामले पर सुनवाई नहीं हो पाई थी। 24 जुलाई 2019 को पारित आदेशों में केंद्र व राज्य सरकार को आठ हफ्ते के भीतर इस मामले में निर्णय लेने को कहा था।

चार वर्षों का समय बीत जाने के बाद भी केंद्र और राज्य सरकार ने इस मामले में कोई निर्णय नहीं लिया। भांग की खेती को मान्यता देने के बारे में दलील दी गई है कि दवाई के लिए उपयोग की दृष्टि से ग्रामीण क्षेत्रों में भांग की खेती किसानों की आर्थिक हालत और युवाओं में बढ़ती बेरोजगारी की समस्या से निपटा जा सकता है।

भांग के पौधों को जलाने से पर्यावरण प्रदूषण को भी खत्म किया जा सकता है। दलील दी गई है कि भांग को कैंसर और न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर के लिए उपयोग में लाया जा सकता है। इसे नेशनल फाइबर पॉलिसी 2010 के अंतर्गत लाया जा सकता है। इन पदार्थों पर किए गए अनुसंधान के बाद इसके उपयोग के बारे में नशे के प्रचलन को खत्म करते हुए दवा के तौर पर उपयोग में लाया जाने लगा है। अदालत के समक्ष भांग की खेती पर लगाई गई रोक को हटा कर इसे कानूनी मान्यता देने की गुहार लगाई है।

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