Shimla News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने मानसून से हुई क्षति की भरपाई के लिए मनरेगा नियमों में ढील दी है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे की मरम्मत के कार्य तेजी से शुरू किए जा सकेंगे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह निर्णय लिया है।
उपायुक्तों को मिलेगी अधिक शक्तियां
उपायुक्तों को अब ग्राम सभा की पूर्व स्वीकृति के बिना ही मनरेगा के तहत नए कार्यों को मंजूरी देने का अधिकार दिया गया है। खराब मौसम में बैठकें आयोजित करना मुश्किल था। अब कार्योत्तर स्वीकृति बाद में ली जाएगी। इससे पुनर्निर्माण कार्यों में तेजी आएगी।
बढ़ाई गई वित्तीय सीमाएं
प्रति ग्राम पंचायत 20 कार्यों की पूर्व सीमा में ढील दी गई है। भूमि विकास परियोजनाओं के लिए वित्तीय सीमा एक लाख से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दी गई है। इससे अधिक कार्यों को शीघ्रता से शुरू किया जा सकेगा।
रोजगार और पुनर्निर्माण को बढ़ावा
इस पहल से न केवल क्षतिग्रस्त अधोसंरचना के पुनर्निर्माण में मदद मिलेगी, बल्कि ग्रामीणों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार आपदा प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
