Himachal News: हिमाचल प्रदेश सरकार राज्य सूचना आयोग को शिमला से कांगड़ा स्थानांतरित करने पर विचार कर रही है। सूत्रों के अनुसार नगरोटा बगवां को नया स्थान चुना गया है। आगामी मंत्रिमंडल बैठक में इस प्रस्ताव पर चर्चा होगी। इससे पहले सरकार कई अन्य विभागों को भी कांगड़ा भेज चुकी है।
सूचना आयोग का मुख्यालय वर्तमान में शिमला के खलीणी क्षेत्र में स्थित है। यहां मुख्य सूचना आयुक्त और सूचना आयुक्तों के लिए अलग कमरे बने हैं। फिलहाल ये दोनों शीर्ष पद खाली पड़े हैं। इन पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया अभी चल रही है।
आयोग के पास कर्मचारियों की काफी कमी है। कुल चौदह नियमित पदों में से केवल तीन मिनिस्ट्रियल स्टाफ कार्यरत हैं। बाकी कर्मचारी प्रतिनियुक्ति या आउटसोर्सिंग के आधार पर काम कर रहे हैं। इन सीमित संसाधनों में पूरे राज्य का कार्यभार संभालना चुनौतीपूर्ण है।
स्थानांतरण का प्रस्ताव
सूत्रों के मुताबिक कांगड़ा के एक वरिष्ठ नेता ने आयोग को अपने जिले में लाने की सिफारिश की है। इसके बाद प्रशासनिक सुधार विभाग ने उपायुक्त कांगड़ा से संपर्क किया है। दोनों पक्षों के बीच स्थान चयन को लेकर बातचीत हुई है। संभावित स्थान के रूप में नगरोटा बगवां का नाम सामने आया है।
कर्मचारियों का विरोध
आयोग के कर्मचारी इस फैसले के खिलाफ हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू से मुलाकात कर अपना विरोध दर्ज कराया। कर्मचारियों का कहना है कि यह निर्णय न तो प्रशासनिक दृष्टि से उचित है और न ही व्यावहारिक। उन्होंने इसके गंभीर परिणामों की ओर ध्यान आकर्षित किया।
कर्मचारियों ने बताया कि छोटा शिमला में आयोग की नई इमारत लगभग तैयार हो चुकी है। ऐसे में कार्यालय को स्थानांतरित करने का निर्णय संसाधनों की बर्बादी साबित होगा। इससे सरकारी खजाने पर अनावश्यक वित्तीय बोझ बढ़ेगा।
संचालन पर प्रभाव
स्थानांतरण के बाद आयोग के संचालन पर गहरा असर पड़ेगा। प्रतिनियुक्ति पर काम कर रहे कर्मचारी अपने मूल विभागों में लौट सकते हैं। आउटसोर्स कर्मचारी महंगी रहने की लागत वहन नहीं कर पाएंगे। इससे आयोग का कामकाज प्रभावित होगा।
आयोग के समक्ष आने वाले 72 से 80 प्रतिशत मामलों में शिमला स्थित विभागों के जन सूचना अधिकारी उपस्थित होते हैं। धर्मशाला स्थानांतरण से इन अधिकारियों को लंबी यात्रा करनी पड़ेगी। इससे यात्रा भत्ता और वाहन व्यय में वृद्धि होगी।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
राज्य सूचना आयोग का गठन वर्ष 2006 में किया गया था। स्थापना के समय से ही इसका कार्यालय शिमला में संचालित हो रहा है। अब तकनीकी और प्रशासनिक चुनौतियों के बीच इसके स्थानांतरण का प्रस्ताव आया है। यह फैसला राज्य के प्रशासनिक ढांचे को प्रभावित करेगा।
सरकार पहले भी कई विभागों को कांगड़ा स्थानांतरित कर चुकी है। इनमें पर्यटन निगम, रेरा, वन्य प्राणी विंग और नशा निवारण बोर्ड शामिल हैं। अब सूचना आयोग को इस सूची में शामिल करने की तैयारी है। मंत्रिमंडल की बैठक में इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
