Shimla News: हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश ने सेब उद्योग को गंभीर संकट में डाल दिया है। चार राष्ट्रीय राजमार्ग और 600 से अधिक सड़कें भूस्खलन से बंद हैं। इससे लगभग 5 लाख पेटी सेब मंडियों तक नहीं पहुंच पा रहा है।
बागवानों का हज़ारों पेटी सेब गोदामों में खराब हो रहा है। कई ट्रकों में लदा सेब सड़कों पर फंसा हुआ है। हिमाचल के सेब उद्योग का आकार 5 हज़ार करोड़ रुपये का है जो अब खतरे में है।
मुख्य मंडियों में फंसे सेब
किन्नौर की टापरी मंडी में 15 हज़ार पेटी सेब ऑक्शन यार्ड में फंसा है। मंडी, कुल्लू और चंबा क्षेत्रों में 55 हज़ार पेटी सेब गोदामों में पड़ा है। कुल मिलाकर 3.50 लाख पेटी सेब विभिन्न मंडियों और ट्रकों में फंसा हुआ है।
1948 के बाद सबसे भीषण बारिश
संयुक्त किसान मंच के हरीश चौहान ने बताया कि 1948 के बाद इतनी भयंकर बारिश नहीं हुई थी। प्रदेश में 450 मिलीमीटर से अधिक वर्षा दर्ज की गई है। इसका सीधा असर किसानों और बागवानों पर पड़ा है।
सरकार की राहत कोशिशें
राजस्व मंत्री जगत नेगी ने माना कि सड़कों के बंद होने से सेब फंसा हुआ है। सरकार युद्धस्तर पर सड़कों को खोलने में लगी हुई है। सेब को मंडियों तक पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता बताई गई है।
इस साल तीन करोड़ से अधिक पेटी सेब उत्पादन का अनुमान था। मंडी, कुल्लू और शिमला के ऊपरी क्षेत्रों में संपर्क सड़कों के बंद होने से बागवानों को भारी नुकसान हो रहा है। सेब का सीजन सितंबर के पहले सप्ताह तक चलना अभी बाकी है।
