Himachal News: सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल पर्यावरण संकट पर सख्त टिप्पणी की। जस्टिस जे.बी. पारदीवाला और आर. महादेवन की पीठ ने कहा कि हिमाचल नक्शे से गायब हो सकता है। राज्य सरकार को ऐक्शन प्लान पेश करने का आदेश दिया। यह टिप्पणी एक होटल कंपनी की याचिका खारिज करते हुए आई। श्री तारा माता हिल को हरित क्षेत्र घोषित करने वाली अधिसूचना को कोर्ट ने सही ठहराया।
पर्यावरण संरक्षण पर जोर
सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल पर्यावरण की स्थिति को गंभीर बताया। कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका शुरू की। अधिसूचना को देर से लागू करने पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों में निर्माण रोकना जरूरी है। बाढ़ और भूस्खलन ने सैकड़ों लोगों की जान ली। संपत्तियों को नुकसान हुआ। कोर्ट ने राज्य सरकार से तत्काल कदम उठाने को कहा।
मानवीय गतिविधियां जिम्मेदार
कोर्ट ने हिमाचल पर्यावरण संकट के लिए मानवीय गतिविधियों को जिम्मेदार ठहराया। अनियंत्रित निर्माण, सड़क विस्तार और जल विद्युत परियोजनाओं ने स्थिति बिगाड़ी। जंगलों की कटाई ने भी नुकसान बढ़ाया। कोर्ट ने कहा कि प्रकृति के प्रकोप का कारण इंसान है। हिमाचल में प्राकृतिक आपदाओं ने भारी तबाही मचाई। सुप्रीम कोर्ट की जानकारी आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है।
तत्काल कार्रवाई की जरूरत
सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल पर्यावरण को बचाने के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत बताई। कोर्ट ने कहा कि स्थिति बद से बदतर हो रही है। पारिस्थितिक असंतुलन ने प्राकृतिक आपदाओं को बढ़ाया। बाढ़ और भूस्खलन ने भारी नुकसान पहुंचाया। कोर्ट ने राज्य सरकार से ठोस योजना मांगी। पर्यावरण संरक्षण के लिए सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया गया।
