Himachal News: हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड एंप्लायज यूनियन ने बोर्ड के एक डायरेक्टर पर गंभीर आरोप लगाए। यूनियन ने हिमाचल बिजली बोर्ड के रेस्ट हाउस को निजी निवास की तरह उपयोग करने का दावा किया। यूनियन अध्यक्ष कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने कहा कि अधिकारी हाउस रेंट और बिजली सब्सिडी का लाभ ले रहा है। यह सरकारी धन की बर्बादी है। यूनियन ने तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
रेस्ट हाउस में अनुचित खर्च
यूनियन ने दावा किया कि डायरेक्टर ने रेस्ट हाउस में लाखों रुपये का महंगा फर्नीचर खरीदा। यह हिमाचल बिजली बोर्ड के संसाधनों का दुरुपयोग है। खरवाड़ा ने बताया कि क्लास-वन अधिकारियों की बिजली सब्सिडी बंद होने के बावजूद यह अधिकारी इसका लाभ ले रहा है। यूनियन ने इस अनुचित खर्च की जांच और वसूली की मांग की। बोर्ड की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता की कमी पर भी सवाल उठाए गए हैं।
कर्मचारियों और ठेकेदारों की समस्याएं
यूनियन ने बोर्ड की कार्यप्रणाली में पक्षपात का आरोप लगाया। आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए कोई स्पष्ट नीति नहीं है, जिससे वे असुरक्षित हैं। छोटे ठेकेदारों का तीन साल से भुगतान रुका है। केवल प्रभावशाली लोगों के बिल ही पास हो रहे हैं। हिमाचल बिजली बोर्ड की इस कार्यप्रणाली से ईमानदार कर्मचारी और ठेकेदार प्रभावित हो रहे हैं। यूनियन ने इन मुद्दों को सरकार के समक्ष उठाया है।
पुरानी पेंशन योजना की मांग
कुलदीप सिंह खरवाड़ा ने बताया कि बोर्ड कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ नहीं मिल रहा। कर्मचारियों की पदोन्नतियां भी रुकी हुई हैं। यूनियन ने इन मुद्दों को बार-बार उठाया, लेकिन जवाब में नोटिस भेजकर उन्हें दबाने की कोशिश की जाती है। यूनियन ने चेतावनी दी कि यदि समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो वे आंदोलन करेंगे।
सरकार से कार्रवाई की अपेक्षा
यूनियन की एक्शन कमेटी ने सभी मुद्दों को सरकार के सामने रखा है। उन्होंने हिमाचल बिजली बोर्ड में सुधार और भ्रष्टाचार पर रोक की मांग की। यूनियन ने कहा कि बोर्ड की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता जरूरी है। यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई, तो वे सड़कों पर उतरने को मजबूर होंगे। सरकार से त्वरित कदम उठाने की अपेक्षा की जा रही है। हिमाचल प्रदेश सरकार की वेबसाइट पर और जानकारी उपलब्ध है।
