Himachal News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए 850 शिक्षण संस्थानों को स्कूल ऑफ एक्सीलेंस का दर्जा दिया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में स्मार्ट क्लासरूम, प्रयोगशालाएं और पर्याप्त शिक्षक उपलब्ध कराए जा रहे हैं। राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2025 में हिमाचल ने 5वां स्थान हासिल किया। पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम शुरू किया गया है। यह कदम विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास के लिए उठाया गया है।
स्कूलों में आधुनिक सुविधाएं
हिमाचल सरकार ने 500 प्राथमिक, 100 उच्च, 200 वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों और 50 महाविद्यालयों को स्कूल ऑफ एक्सीलेंस घोषित किया। इनमें स्मार्ट क्लासरूम, आधुनिक पुस्तकालय और खेल मैदान बनाए जा रहे हैं। कांगड़ा और हमीरपुर में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूलों का निर्माण शुरू हुआ। क्लस्टर सिस्टम से संसाधनों का बेहतर उपयोग हो रहा है। विद्या समीक्षा केंद्र शिक्षकों की उपस्थिति की डिजिटल निगरानी कर रहा है। ये कदम शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ा रहे हैं।
अंग्रेजी माध्यम और वैश्विक प्रशिक्षण
सरकारी स्कूलों में पहली कक्षा से अंग्रेजी माध्यम लागू किया गया है। असर 2025 रिपोर्ट में हिमाचल के बच्चों की पढ़ने की क्षमता सर्वश्रेष्ठ रही। सिंगापुर की प्रिंसिपल्स एकेडमी से समझौते के तहत 334 शिक्षकों और 50 मेधावी छात्रों को प्रशिक्षण के लिए भेजा गया। 342 शिक्षक और छात्र देश के अन्य राज्यों में शैक्षणिक भ्रमण पर गए। यह पहल शिक्षकों की क्षमता और छात्रों के आत्मविश्वास को बढ़ा रही है।
तकनीकी और वित्तीय पहल
हिमाचल शिक्षा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस और ड्रोन प्रशिक्षण जैसे पाठ्यक्रम शुरू किए गए। डॉ. वाईएस परमार विद्यार्थी ऋण योजना के तहत 1% ब्याज पर 20 लाख तक का ऋण उपलब्ध है। 10,500 से अधिक मेधावी छात्रों को मुफ्त टैबलेट दिए गए। 5.35 लाख बच्चों को पौष्टिक भोजन के लिए 12.75 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया। स्मार्ट क्लासरूम और ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म शिक्षा को आधुनिक बना रहे हैं।
राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण में प्रगति
राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण 2025 में हिमाचल ने 21वें से 5वां स्थान हासिल किया। असर 2024 की रिपोर्ट में प्रदेश के बच्चों की पढ़ने की क्षमता देश में शीर्ष रही। स्कूल ऑफ एक्सीलेंस और क्लस्टर सिस्टम ने शिक्षा की गुणवत्ता सुधारी। हर विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल खोले जा रहे हैं। इन स्कूलों में खेल, पुस्तकालय और स्मार्ट क्लास जैसी सुविधाएं दी जा रही हैं। यह शिक्षा में क्रांति ला रहा है।
