Himachal News: हिमाचल प्रदेश में स्कूल कांप्लेक्स सिस्टम में बदलाव किया जा रहा है। शिक्षा विभाग ने 23 सितंबर 2025 को इस संबंध में अधिसूचना जारी की थी। नए सिस्टम में सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को लीडर स्कूल बनाया जाएगा। इनके आसपास के छोटे स्कूलों को इनसे जोड़ा जाएगा।
विभिन्न जिलों से क्लस्टर में बदलाव की मांग आने के बाद यह संशोधन किया जा रहा है। निदेशक स्कूल शिक्षा ने संबंधित जिलों से फॉर्मेट के माध्यम से जवाब मांगा है। जिलों को परिसर बदलने का कारण लिखित में बताना होगा। राज्य सरकार इस आधार पर अंतिम निर्णय करेगी।
नए सिस्टम की संरचना
नए सिस्टम में सीनियर सेकेंडरी स्कूल को नोडल स्कूल बनाया जाएगा। उसके कैचमेंट एरिया के प्राइमरी, मिडल और हाई स्कूल इससे जुड़ेंगे। सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल पूरे परिसर के प्रशासनिक प्रमुख होंगे। इससे शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने में मदद मिलेगी।
संसाधनों का बेहतर उपयोग संभव हो सकेगा। प्रदेश में वर्तमान में 9939 प्राथमिक स्कूल हैं। 1775 मिडिल स्कूल और 960 हाई स्कूल कार्यरत हैं। इन सभी को 1989 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों से जोड़ा जाएगा।
शिक्षकों की भूमिका और जिम्मेदारियां
सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल पूरे क्लस्टर के प्रशासनिक प्रमुख होंगे। परिसर के सभी स्कूलों के शिक्षक उनके नियंत्रण में काम करेंगे। इसमें हैड मास्टर, मिडिल स्कूलों के इंचार्ज और सेंटर हैड टीचर शामिल हैं। प्रिंसिपल को हर दो महीने में परिसर के हर स्कूल का दौरा करना होगा।
उन्हें पूरा दिन स्कूल में बिताकर बच्चों के सीखने के स्तर की जांच करनी होगी। इससे शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार आएगा। छोटे स्कूलों को बेहतर मार्गदर्शन मिल सकेगा। शिक्षण विधियों में एकरूपता आएगी।
स्कूलों का समूहीकरण
कुल 12,674 स्कूलों को 1989 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों से जोड़ा जाएगा। एक सीनियर सेकेंडरी स्कूल के साथ औसतन छह छोटे स्कूल जुड़ेंगे। यह व्यवस्था शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए बनाई गई है। संसाधनों का कुशलतापूर्वक उपयोग हो सकेगा।
छात्रों को बेहतर शिक्षा सुविधाएं मिल सकेंगी। शिक्षकों के बीच समन्वय बढ़ेगा। शैक्षिक गतिविधियों को बेहतर ढंग से संचालित किया जा सकेगा। यह व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू की जाएगी।
