Himachal News: हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने परीक्षा पैटर्न में बड़े बदलाव की घोषणा की है। बोर्ड अध्यक्ष डॉ राजेश शर्मा ने बताया कि नई व्यवस्था आने वाले शैक्षणिक सत्र से लागू होगी। इसके तहत ए, बी और सी तीनों सीरीज में अब एक जैसे सवाल पूछे जाएंगे। केवल प्रश्नों की नंबरिंग अलग-अलग होगी।
डॉ राजेश शर्मा ने मीडिया से बातचीत में यह जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि पूर्व में तीनों सीरीज में अलग-अलग सवाल होते थे। नए बदलाव से छात्रों को समान अवसर मिलेगा। प्रतिस्पर्धा भी निष्पक्ष होगी। हिमाचल राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सभी औपचारिकताएं पूरी करने वाला पहला राज्य बन गया है।
कर्मचारियों को डीए की सौगात
बोर्ड अध्यक्ष ने कर्मचारियों के लिए भी एक बड़ी घोषणा की। उन्होंने बोर्ड कर्मचारियों को तीन प्रतिशत महंगाई भत्ता देने का ऐलान किया। इससे कर्मचारियों को वित्तीय राहत मिलेगी। यह निर्णय बोर्ड कर्मचारियों के कल्याण को ध्यान में रखकर लिया गया है। कर्मचारियों ने इस घोषणा का स्वागत किया है।
शिक्षा बोर्ड ने नई शिक्षा नीति को लागू करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। राज्य सरकार शिक्षा प्रणाली में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। नए बदलावों से शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार expected है। छात्रों को बेहतर शिक्षण अनुभव मिलेगा।
परीक्षा प्रणाली में समानता
नए परीक्षा पैटर्न के तहत सभी छात्रों को समान अवसर मिलेंगे। तीनों सीरीज में एक जैसे प्रश्न पूछे जाएंगे। इससे परीक्षा की निष्पक्षता बढ़ेगी। छात्रों के मन में पेपर लीक जैसी आशंकाएं कम होंगी। शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ेगी।
बोर्ड ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के दिशा-निर्देशों का पालन किया है। नई व्यवस्था से मूल्यांकन प्रक्रिया और अधिक विश्वसनीय होगी। शिक्षकों को भी मूल्यांकन में सुविधा होगी। छात्रों के प्रदर्शन का बेहतर आकलन संभव हो सकेगा।
शैक्षणिक सुधारों की दिशा में कदम
हिमाचल प्रदेश शिक्षा बोर्ड लगातार शैक्षणिक सुधारों पर काम कर रहा है। नए बदलाव शिक्षा प्रणाली को और अधिक छात्र-केंद्रित बनाएंगे। बोर्ड डिजिटल प्लेटफॉर्म को भी मजबूत कर रहा है। ऑनलाइन सेवाओं का विस्तार किया जा रहा है।
आगामी शैक्षणिक सत्र से पहले सभी तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी। स्कूलों और शिक्षकों को नए पैटर्न की जानकारी दी जाएगी। छात्रों को भी नई व्यवस्था से अवगत कराया जाएगा। बोर्ड की ओर से सभी हितधारकों को पर्याप्त मार्गदर्शन उपलब्ध कराई जाएगी।
शिक्षा बोर्ड ने पाठ्यक्रम में भी कुछ बदलाव किए हैं। यह बदलाव समकालीन आवश्यकताओं के अनुरूप हैं। छात्रों को रोजगारपरक शिक्षा मिलेगी। कौशल विकास पर विशेष जोर दिया जा रहा है। शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए व्यापक दृष्टिकोण अपनाया जा रहा है।
