Himachal News: हिमाचल प्रदेश सरकार ने 100 सरकारी स्कूलों को सीबीएसई से संबद्धता दिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इन स्कूलों के प्रधानाचार्यों को स्वयं संबद्धता के लिए आवेदन करना होगा। शिक्षा विभाग ने सीबीएसई स्कूलों के लिए शिक्षकों का अलग सब कैडर बनाने का निर्णय लिया है। इसके लिए नियम बनाए जा रहे हैं जो कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजे जाएंगे।
विभाग पहले शिक्षकों से आवेदन मांगेगा। आवेदन अधिक मिलने पर साक्षात्कार या लिखित परीक्षा होगी। कम आवेदन मिलने पर मौजूदा शिक्षकों को ही पढ़ाने की जिम्मेदारी दी जाएगी। नई भर्ती होने पर नए शिक्षकों को भी इन स्कूलों में तैनात किया जा सकता है। संबद्धता मिलने के बाद ही शिक्षकों की तैनाती प्रक्रिया शुरू होगी।
शिक्षकों के चयन और तबादले की नई व्यवस्था
सब कैडर में शामिल शिक्षकों का तबादला केवल सीबीएसई स्कूलों में ही होगा। वर्तमान में तबादले के लिए तीन साल का नियम है। सीबीएसई स्कूलों में इसे पांच साल या अधिक करने पर विचार हो रहा है। विभाग का मानना है कि निजी स्कूलों में शिक्षक लंबे समय तक पढ़ाते हैं। इससे शिक्षण की निरंतरता बनी रहती है।
प्रधानाचार्य और शिक्षकों का चयन योग्यता के आधार पर होगा। अकादमिक उत्कृष्टता और सह पाठ्यक्रम गतिविधियों में योगदान देखा जाएगा। गैरशिक्षण कर्मचारियों का चयन भी प्रासंगिक कारकों के आधार पर किया जाएगा। सेवानिवृत्ति में पांच साल से कम समय वाले शिक्षकों को तैनात नहीं किया जाएगा।
शिक्षण व्यवस्था और विषयवार व्यवस्था
कक्षा छह से दसवीं तक हर विषय के लिए शिक्षक उपलब्ध रहेंगे। ग्यारहवीं और बारहवीं कक्षा में तीनों संकाय उपलब्ध होंगे। विज्ञान, वाणिज्य और कला संकाय के विकल्प रहेंगे। इन स्कूलों में केवल नियमित शिक्षकों की नियुक्ति होगी। अस्थायी शिक्षकों को इस व्यवस्था में शामिल नहीं किया जाएगा।
सीबीएसई कैडर में आने वाले शिक्षकों के वेतन में कोई बदलाव नहीं होगा। उन्हें वर्तमान स्केल ही मिलता रहेगा। पदोन्नति के बाद उन्हें सीबीएसई स्कूल में ही नियुक्ति का विकल्प मिलेगा। इसके लिए संबंधित स्कूल में पद रिक्त होना आवश्यक है। शिक्षकों के पास अन्य स्कूलों में जाने का विकल्प भी बना रहेगा।
संबद्धता प्रक्रिया और भविष्य की योजना
स्कूलों की संबद्धता प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही शिक्षक तैनाती शुरू होगी। विभाग के अनुसार इससे कोई पद रिक्त नहीं होगा। स्कूल पहले भी चल रहे थे और शिक्षक पढ़ा रहे थे। अब केवल बोर्ड बदल रहा है। मौजूदा शिक्षकों को सीबीएसई सब कैडर चुनने का विकल्प दिया जाएगा।
सरकार का लक्ष्य शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाना है। सीबीएसई पाठ्यक्रम से छात्रों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा में मदद मिलेगी। शिक्षकों के लिए अलग कैडर बनाने से विशेषज्ञता बढ़ेगी। इससे शिक्षण स्तर में सुधार आने की उम्मीद है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद और स्कूलों को भी शामिल किया जा सकता है।
