Himachal News: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के कारण शिक्षा विभाग में छुट्टियों पर रोक लगा दी गई है। यह सत्र 26 नवंबर से पांच दिसंबर तक चलेगा। 20 नवंबर से पांच दिसंबर तक अधिकारियों और कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द रहेंगी। विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं।
इस बार विधानसभा सत्र पांच के बजाय आठ दिन चलेगा। धर्मशाला के तपोवन स्थित विधानसभा परिसर में आठ बैठकें आयोजित होंगी। अधिकारियों को विधायकों के सवालों के जवाब तैयार करने के लिए अतिरिक्त कार्य करना होगा। सत्र लंबा होने के कारण अधिक मुद्दे उठेंगे।
शिक्षा मंत्री ने की बैठक
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को विधानसभा सत्र के लिए तैयार रहने को कहा। सत्र के दौरान केवल बेहद जरूरी स्थिति में ही छुट्टी मिलेगी। छुट्टी के लिए उच्च अधिकारी से मंजूरी लेनी होगी।
अधिकारियों के टूर पर जाने पर भी रोक रहेगी। विभागीय आदेशों के अनुसार अधिकारियों और कर्मचारियों को छुट्टी के दिन भी बुलाया जा सकता है। हर शाखा में कम से कम एक अधिकारी रोजाना सुबह साढ़े आठ बजे से देर शाम तक कार्यालय में उपस्थित रहेगा।
विधानसभा सत्र की तैयारियां
धर्मशाला के तपोवन स्थित विधानसभा परिसर में आठ बैठकें आयोजित की जाएंगी। सत्र 26 नवंबर से शुरू होकर पांच दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान विधायक विभिन्न मुद्दों पर सरकार से सवाल पूछेंगे। अधिकारियों को इन सवालों के जवाब तैयार करने होंगे।
शिक्षा विभाग के अलावा अन्य विभागों में भी इसी तरह के निर्देश जारी किए गए हैं। सत्र के दौरान सभी विभागों के अधिकारियों को तैयार रहना होगा। विधानसभा कार्यवाही के दौरान संबंधित विभागों के अधिकारियों की उपस्थिति जरूरी होगी।
छुट्टी संबंधी दिशा-निर्देश
सत्र के दौरान केवल अत्यावश्यक स्थिति में ही छुट्टी मंजूर की जाएगी। छुट्टी के लिए संबंधित विभाग के उच्च अधिकारी से अनुमति लेनी होगी। अधिकारियों के दौरे पर जाने पर पूरी तरह रोक रहेगी। आपातकालीन स्थिति में ही दौरे की अनुमति दी जाएगी।
विभाग के सभी कर्मचारियों को सत्र के दौरान उपलब्ध रहना होगा। छुट्टी के दिन भी कार्यालय बुलाए जाने की संभावना रहेगी। हर शाखा में पर्याप्त कर्मचारियों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी। इस अवधि में कार्यालय समय में भी विस्तार किया जा सकता है।
विधानसभा सत्र का महत्व
इस बार विधानसभा का शीतकालीन सत्र आठ दिन का होगा। पिछले वर्षों की तुलना में यह सत्र लंबा है। सत्र के दौरान शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होने की संभावना है। विपक्ष द्वारा सरकार के कामकाज पर सवाल उठाए जाएंगे।
सरकारी विभागों को विधायकों के सवालों के संतोषजनक जवाब देने होंगे। इसके लिए पूरी तैयारी की जा रही है। सभी विभागों के अधिकारियों को आंकड़े और रिपोर्ट्स तैयार रखने के निर्देश दिए गए हैं। विधानसभा सत्र की सफलता सुनिश्चित करने के लिए यह तैयारी जरूरी है।
